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‘आज भी जिंदा हैं इरफान, घर में आने वाला कोई नहीं मानता कि वो नहीं रहे’, इरफान की कहानी सुतपा-बाबिल की जुबानी

Irrfa -khan death anniversary

शराफत की दुनिया का किस्सा ही खत्म, अब जैसी दुनिया वैसे हम….कहने को तो ये एक आम डायलॉग है लेकिन जिस लय के साथ इरफान खान ने इसे कहा वो लोगों के दिलों में उतर गया। फिल्म अभिनेता इरफान खान की आज पहली बरसी है। 29 अप्रैल 2020 को इरफान ने दुनिया को अलविदा कहा था। किसी को यकीन नहीं हो पा रहा था कि अपनी गजब की अदायगी और आंखों के एक्‍सप्रेशन्‍स से लोगों का दिल जीतने वाला अब उनके बीच नहीं है। इरफान का बैकग्राउंड मजबूत था लेकिन फिल्‍मी दुनिया में कदम रखने के लिए उन्‍होंने काफी संघर्ष किया। टीवी से हिंदी फिल्‍मों और फिर अंग्रेजी फिल्‍मों तक के सफर में हर दिन उन्‍होंने खुद को बेहतर बनाया।

इरफान की पत्नी सुतापा के लिए ये एक ऐसा दर्द है जिसे भूला पाना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि, 'हम सकारात्मक रहने की कोशिश कर रहे हैं। एक साल हो जाएगा, मैं अभी भी लोगों से मिलने और उनसे बात करने के लिए तैयार नहीं हूं। लोगों से मिलने से ज्यादा मैं लिखने में अच्छी हूं'।बाबिल भी जब भी अपने पिता की बात करते हैं, रो देते हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने पिता को खो देने का गम साझा किया। उन्होंने कहा, 'मैं एक सुरक्षित घेरे में जी रहा था। इरफान खान का बेटा बनकर और फिर वो घेरा टूट गया, उसके बाद आपके पास कोई विकल्प नहीं बचता। आपको वो करना पड़ता है जो जिंदगी चाहती है और यही सच है'।

28अप्रैल की रात को याद करते हुए सुतापा ने एक पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने लिखा- बीते साल इस दिन रात को मैं और मेरे दोस्त तुम्हारे लिए गाना गा रहे थे। तुम्हारे सारे फेवरेट गाने। वहां मौजूद नर्स हमे अजीब तरह से देख रही थीं क्योंकि उन्होंने हमेशा मुश्किल समय में लोगों को भगवान का नाम लेते हुए लोगों को देखा है लेकिन यह मैं तुम्हारे लिए बीते दो सालों से सुबह, शाम और रात को पहले ही कर चुकी थी। मैं चाहती थी कि तुम अच्छी यादों के साथ जाओ तो हम गाना गा रहे थे। अगले दिन तुम हमे छोड़कर अगले स्टेशन की तरफ चले गए थे। मुझे उम्मीद है तुम्हे पता था मेरे बिना तुम्हे कहां जाना है।

सुतापा ने आगे लिखा- 363 दिन 8712 घंटे। जब हर एक सेकेंड को गिन रही थी। कैसे यह समय का समु्द्र निकल गया। आगे उन्होंने बताया कि कैसे 29 अप्रैल 2020 को 11:11 मिनट पर उनकी घड़ी रुक गई थी। इरफान उस समय दुनिया को अलविदा कहकर चले गए थे।

बाबिल ने बताया कि बीमारी से लड़ते हुए उन सालों में उनके पिता काफी हद तक ठीक भी हो गए थे। सुतापा ने कहा कि इरफान मौत और उसके बाद की जिंदगी के लिए उत्सुक रहते थे। आगे बाबिल ने कहा कि उन्हें पता था कि वो बच नहीं पाएंगे।

आगे उन्होंने कहा, 'उनकी मौत से दो तीन दिन पहले मैं अस्पताल में था। वो होश खोते जा रहे थे और अंतिम पलो में उन्होंने मेरी ओर देखा,मुस्कुराए और कहा- मैं मरने वाला हूं, मैंने उन्हें कहा ऐसा नहीं होगा, वो फिर मुस्कुराए और सो गए'। इरफान का यूं चले जाना हर किसी के लिए सदमे जैसा था। जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीने वाले इरफान ने मौत को भी हंसते हंसते गले लगा लिया। वो जान गए कि अब वो नहीं रहेंगे और मुस्कुराते हुए इस दुनिया को अलविदा कह गए। इरफान जरूर चले गए लेकिन अपने परिवार और फैंस की यादों में वो हमेशा जिंदा रहेंगे।