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मुगल शासक चोर और डकैत थे! मनोज मुंतशिर के वीडियो पर ‘लिबरल गैंग’ ने क्यों मचाई हाय-तौबा, देखें रिपोर्ट

'जहांगीर, अकबर, हुमायूं थे चोर-डकैत'

इंडस्ट्री में इन दिनों एक नई बहस शुरू हो गई है। मुगलों को लेकर ये बहस काफी आगे बढ़ गया है। मनोज मुन्तशिर के एक छोटे से वीडियो से बवाल हो गया है। मनोज मुन्तशिर ने अपने वीडियो में कहा 'आप किसके वंशज हैं?' मुंतशिर इस वीडियो में कह रहे हैं कि देश का ब्रेनवॉश किया गया है और सड़कों का नाम अकबर, हुमायूं और जहांगीर जैसे 'डकैतों' के नाम पर रखा गया है। प्री-प्राइमरी टेक्‍स्‍टबुक में 'ग' से गणेश हटाकर 'ग' से गधा लिख दिया गया और हमारे माथे पर बल तक नहीं पड़ा। उन्‍होंने सवाल किया, चित्‍तौड़गढ़ में 30 हजार सिविलियन को काट डालने वाला आदर्श राजा था! आगरे के किले के सामने मीना बाजार लगवाने वाला जिल्‍ले इलाही था! जिल्‍ले इलाही यानी खुदा की परछाही, ये कौन सा खुदा है जिसकी परछाही इतनी काली है। अपने हीरोज और विलेन्‍स जात-पात के ऊपर उठकर चुनिए। यह इस महान देश की परंपरा है। रावण कौन था। एक बाह्मण था। लेकिन, क्‍या आपने किसी ब्राह्मण को रावण की स्‍तुति करते देखा है।

अब इस वीडियो पर हंगामा तो मचना था।  हाल ही में डायरेक्टर कबीर खान ने एक इंटरव्यू में मुग़लों को असली राष्ट्र निर्माता कहा था। उन्होंने यह भी कहा था की वे उन फिल्मों की रिसपेक्ट नहीं कर सकते जिनमें मुग़लों को गलत ढंग से दिखाया जाता है। इस बयान के बाद गीतकार मनोज मुन्तशिर ने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उन्होंने मुगलों की तुलना डकैतों से की। मनोज ने अकबर, जहांगीर और हुमायूं को डाकू कहा। इसके बाद ऋचा चड्ढा, नीरज घेवान ने मनोज की आलोचना की।

 

ऋचा चड्ढा ने तो उनके वीडियो क्लिप पर यहां तक लिखा, 'शर्मसार करने वाला। बुरी कविता। देखने लायक नहीं है। अपना उपनाम भी हटा देना चाहिए। जिस चीज से घृणा हो उससे फायदा क्यों लेना।' नीरज घेवान ने कहा, 'कट्टरता के साथ जातिवाद का समावेश।' हालांकि, फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री सहित कई यूजर्स ने मनोज मुंतशिर का सपोर्ट भी किया।