Hindi News

indianarrative

KBC 13: Neeraj Chopra और PR Sreejesh दिखाएंगे अपने ज्ञान का हुनर, अमिताभ बच्चन को हरियाणा के रंग में रगेंगे

couretsy google

छोटे पर्दे का सबसे लोकप्रिय रियलिटी क्विज शो 'कौन बनेगा करोड़पति 13' सीजन शुरू हो चुका हैं। महानायक अमिताभ बच्चन ही हर बार की तरह ग्रैंड स्टाइलर में शो होस्ट कर रहे हैं। हाल ही में सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज क्रिकेटर्स  केबीसी में आ चुके हैं, लेकिन,  शो में दो बेहद खास मेहमान नजर आने वाले हैं। ओलंपिक मेडल विजेता जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा और हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश बिग बी के सामने हॉटसीट पर बैठे नजर आएंगे।

यह भी पढ़ें- एसिड अटैक से बाल-बाल बची थी भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह, करण जौहर पर लगाया ये बड़ा आरोप

केबीसी मेकर्स ने शो का प्रोमो जारी किया। प्रोमो वीडियो में आप देख सकते हैं कि नीरज हाथ उठाकर दर्शकों का अभिवादन करते है। नीरज ने रेड जैकेट पहनी हुई हैं, लेकिन जिस पर नजर टिकी थी, वो था उनका गोल्ड मेडल। आपको बता दें कि टोक्यों ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में नीरज ने गोल्ड मेडल जीता था। इसी गोल्ड मेडल को नीरज शो में पहनकर पहुंचे। वहीं गोलकीपर पी श्रीजेश भी शो का हिस्सा बने। पी श्रीजेश ने पुरुष हॉकी टीम में शामिल होकर कांस्य पदक जीता था। शो का प्रोमो तेजी से वायरल हो रहा हैं। प्रोमो में दोनों खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए अमिताभ बच्चन 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाते दिख रहे हैं।

नीरज और श्रीजेश के एपिसोड का प्रीमियर 17 सितंबर को होगा। नया प्रोमो देखकर फैन्स काफी ज्यादा एक्साइटेड हैं। प्रोमो में अमिताभ बच्चन दोनों खिलाड़ियों से पूछते हैं कि 'ये मेडल मैं छू सकता हूं क्या?' जिसके बाद श्रीजेश और नीरज अपना मेडल बिग बी को देते हैं। इस दौरान अमिताभ बच्चन भावुक हो जाते हैं और सेट पर माहौल शांत हो जाता है। नीरज, अमिताभ बच्चन को हरियाणवी बोलना भी सिखाते हैं। श्रीजेश बताते हैं कि कैसे इस ओलंपिक ने उनके लिए सारी चीजें बदल दी हैं जबकि पहले उन लोगों का मजाक बनाया जाता था।

यह भी पढ़ें- यह भी पढ़ें- SAIL Recruitment 2021: 'पहले आओ पहले पाओ', 12वीं पास वालों की यहां बिना इंटरव्यू के हो रही सीधी भर्ती, जानें कितनी मिलेगी सैलरी

वो कहते हैं कि हम लोग 2012 ओलंपिक्स के लिए क्वालिफाई हुए लेकिन एक भी मैच जीते नहीं। इंडिया में जब वापस आए तो सब लोग हमारे ऊपर हंसने लगे। कहीं फंक्शन में चले जाते तो हमें सबसे पीछे कोने में बैठा देते थे। बहुत ज्यादा बेइज्जत किया गया कि एक बार को लगा कि हम लोग हॉकी क्यों खेल रहे हैं… अभी वक्त आ गया कि टोक्यो ओलंपिक 2020 में, हम लोगों ने प्लेयर्स को यही बोला कि यहां सोचो कि अगला मैच है ही नहीं। जब मेडल मिला तो यह लगा कि अभी जितना सुना, जितना संघर्ष किया, जितना रोया.. सब दूर हो गया।'