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Pankaj Tripathi को राजनीति पड़ी थी महंगी, खानी पड़ी थी जेल की हवा, एक्टिंग में अजमाई किस्मत तो बन गए स्टार, कुछ ऐसी रही जिंदगी

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बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी आज अपना 45वां जन्मदिन मना रहे हैं। पंकज त्रिपाठी का जन्म बिहार के जिला गोपालगंज के छोटे से गांव बेलसंड में हुऐ थे। उनके पिता का नाम पंडित बनारस त्रिपाठी और मां का नाम हिमवंती देवी है। घरवालों को आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पंकज ने 11वीं क्लास से ही अपने पिता के साथ खेत में काम करना शुरु कर दिया। 12वीं के बाद वो होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने पटना चले गए। कॉलेज के दिनों में भी पंकज राजनीति में उतर गए थे। एक रैली के चलते उन्हें एक हफ्ते तक जेल में रहना पड़ा था।
 
एक्टिंग में करियर ना बना पाने के डर से पंकज ने पटना के ही एक पांच सितारा होटल में काम करना शुरू कर दिया। सात साल पटना में बिताने के बाद पंकज दिल्ली की नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ग्रेजुएट होकर मुंबई चले गए। साल 2004 में उन्हें टाटा टी के एड में नेता बनने का रोल मिला। इसी साल वो अभिषेक बच्चन और भूमिका चावला की फिल्म 'रन' में नजर आए। उन्होंने फिल्मों में काम के लिए कई धक्के खाए। 6 सालों तक काम ना मिलने के बाद पंकज त्रिपाठी को अनुराग कश्यप की मल्टीस्टारर फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' का ऑफर मिला।
 
 
मनोज बाजपेयी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, पियुष शर्मा, ऋचा चड्ढा और हुमा कुरैशी स्टारर फिल्म में पंकज ने सुल्तान कुरैशी का दमदार रोल प्ले किया था, जिन्हें दर्शकों की खूब तारीफें मिलीं। इसके बाद पंकज लगातार हिट फिल्मों में नजर आने लगे।  इसके बाद वो 'फुकरे', 'मसान', 'नील बट्टे सन्नाटा', 'बरेली की बर्फी', 'न्यूटन', 'फुकरे रिटर्न्स', 'स्त्री' जैसी फिल्मों में शानदार काम किया। उन्हें वेब सीरीज 'मिर्जापुर' में लोगों ने खूब पसंद किया। एक इंटरव्यू में पंकज ने कहा कि पहले काम ढूंढना पड़ता था, अब डेट की वजह से फिल्म करने से इनकार करना पड़ता है। अब, जब मैं घर जाता हूं, तो मुझे मेरे पार्किंग में फिल्में ऑफर होती हैं।