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Nusrat Jahan के खिलाफ जो मौलाना समाज कभी बोलता था कड़वे वचन, आज वही कर रहे सपोर्ट, जानिए क्यों ?

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तृणमूल कांग्रेस (TMC) की लोकसभा सांसद और बंगाली एक्ट्रेस नुसरत जहां के खिलाफ जो मौलाना समाज कभी कड़वे वचन बोलता था, आज वही उनका पक्ष लेने आगे खड़ा हुआ है। दुर्गा पूजा उत्सव में नुसरत जहां के शामिल होने को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने उनके ऊपर इस्लाम और मुस्लिमों का बदनाम करने का आरोप लगाया था। आज यही मुस्लिम धर्मगुरु नुसरत जहां को तौबा कर 'कलमा' पढ़ने और ईमान में दाखिल हो जाने की सलाह दे रहे है।

आपको बता दें दुर्गा पूजा में शामिल होने के लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अपने बयान में कहा था कि वो हिंदू देवी-देवताओं की पूजा कर रही थीं जबकि इस्लाम में मुसलमानों को सिर्फ 'अल्लाह की इबादत करने का आदेश है। उन्होंने जो किया वह हराम है। उन्होंने अपने धर्म से बाहर शादी की है। उन्हें अपना नाम और धर्म बदल लेना चाहिए। इस्लाम में ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है जो मुस्लिम नाम रखें और इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करें।' अब नुसरत जहां की शादी को अमान्य बताने के मामले में मौलाना समाज अब उनका बचाव करता दिख रहा है। 

मौलाना कारी मुस्तफा ने इस शादी को शादी नहीं, बल्कि 'नजायज संबंध' बताते हुए कहा कि नुसरत तौबा कर 'कलमा' पढ़ लें और ईमान में दाखिल हो जाएं। मौलाना का कहना है कि दो धर्मों के लोगों के बीच विवाह हुआ था, किन्तु वो शादी थी ही नहीं। अगर दो धर्मों के लोगों के बीच विवाह हुआ है, तो उनको, जिससे नुसरत ने शादी की, उसके धर्म के अनुसार करनी थी या फिर उसे इस्लाम में दाखिल कराके यानी 'धर्मान्तरण' कराके निकाह करना चाहिए था। इस्लाम में कहा गया है कि बिना शादीशुदा लड़के-लड़की साथ रहें या मुलाकात करें तो यह नाजायज है। नुसरत जहां इससे सबक लेकर गुनाह के लिए तौबा करें।

आपको बता दें कि नुसरत ने 19 जनवरी 2019 को तुर्की में अपने ब्वॉयफ्रेंड निखिल जैन से शादी की थी। उनकी शादी हिन्दू और इस्लामिक दोनों रीति-रिवाजों से हुई थी। शादी के बाद दोनों की कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए थे। लेकिन, हाल ही में टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने अपनी शादी को अवैध बना दिया। उन्होंने कहा कि भारत कोर्ट के लिहाज से ये एक शादी नहीं, बल्कि 'लिव इन रिलेशनशिप' था। उन्होंने इसे इंटरफेथ मैरिज करार दिया था। साथ ही कहा था कि इस शादी को भारत के 'स्पेशल मैरिज एक्ट' के तहत मान्यता नहीं दिलाई गई थी।