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चीनी वायरस को मात देने का सरकार का फुल प्लान, देश में जल्द आने वाली हैं ये 4 वैक्सीन

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इस वक्त कोरोना महामारी जंग में टीकाकरण अभियान के तहत भारत में 20 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाया जा चुका है। अब इस वैक्सीनेशन अभियान में और तेजी आने वाली है, क्योंकि देश में जल्द ही कोरोना की 4 और नई वैक्सीन आने वाली है। इसके साथ ही 2021 के आखिर तक देश में वैक्सीन की 200 करोड़ डोज का उत्पादन हो चुका होगा।

देश में आएंगी चार और वैक्सीन

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वीके पॉल ने बताया कि देश में वैक्सीन का उत्पादन लगातार बढ़ाया जा रहा है। आगे 4 और वैक्सीन आने वाली हैं। सरकार कोविड सुरक्षा स्कीम के तहत जायडस कैडिला, बायो ई, नेसल वैक्सीन और जिनेवा की कोरोना वैक्सीन के देश में निर्माण के लिए फंडिंग कर रही है। इसके अलावा नैशनल लैब्स से उन्हें टेक्निकल सपोर्ट भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक की नाक से दी जाने वाली सिंगल डोज वैक्सीन के लिए भी केंद्र सरकार फंडिंग कर रही है और यह दुनिया के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है।

साल के अंत तक 200 करोड़ डोज के उत्पादन का अनुमान

इसके आगे उन्होंने कहा कि, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया भी अपनी क्षमता को 6.5 करोड़ डोज प्रति महीने से बढ़ाकर 11 करोड़ प्रति डोज बढ़ा रही है। सरकार की कोशिशों की बदौलत 2021 के आखिर तक देश में वैक्सीन की 200 करोड़ डोज के उत्पादन का अनुमान है। पॉल ने 'भारत की टीकाकरण प्रक्रिया पर मिथक और तथ्य' विषय पर बात रखते हुए कहा कि वैक्सीन के लिए फाइजर और मॉडर्ना के साथ बातचीत चल रही है। दरअसल, रिपोर्ट्स के मुताबिक फाइजर ने जुलाई से अक्टूबर के दौरान टीके की पांच करोड़ खुराक देने की पेशकश की है। हालांकि, उसने कुछ रियायतें मांगी है और उसकी भारत सरकार के अधिकारियों के साथ कई बार बातचीत हो चुकी है। एक बैठक इसी सप्ताह हुई है।

स्पूतनिक-वी को बनाएंगी 2 और कंपनियां

वीके पॉल ने कहा कि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी का भी देश में जल्द प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा। स्पुतनिक वी का निर्माण जल्द ही भारत में शुरू होगा, क्योंकि देश ने भारतीय कंपनियों के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के काम को पूरा कर लिया है। सरकार रूस के साथ बातचीत कर रही है ताकि डॉक्टर रेड्डी के साथ तालमेल करके 6 अन्य कंपनियां स्पूतनिक वैक्सीन का निर्माण करेंगी।

इसके साथ ही भारत बायोटेक की वैक्सीन निर्माण क्षमता बढ़ाई भी जा रही है। जल्द ही 3 अन्य कंपनियां भी कोवैक्सीन का निर्माण करेंगी। बायोटेक के अपने प्लांट्स की क्षमताएं भी बढ़ाई जा रही हैं। इस तरह 4 कंपनियों में कोवैक्सीन का प्रोडक्शन होगा। साथ ही 3 पब्लिक सेक्टर यूनिट्स मिलकर दिसंबर तक 4 करोड़ डोज के उत्पादन करेंगी।