देश में अभी कोरोना महामारी खत्म नहीं हुई थी कि ब्लैक फंगस म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) के भी मामले सामने आने लगे। दो महीने में ब्लैक फंगस काफी तेजी से फैल रहा है, दिल्ली-एनसीआर में इसका खरता ज्यादा है। राजधानी में मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। सिर्फ एम्स में इसके 80 से 100 मरीज हैं, साथ ही दिल्ली के सभी बड़े अस्पतालों में इसके मरीज बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही कोरोना मरीजों में व्हाइट फंगस की भी समस्या पाई जा रही है। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) में भर्ती 4 मरीजों में व्हाइट फंगस मिलने की पुष्टि हुई है।
देश में कोरोना वायरस के अलावा ब्लैक फंगस का मामले सामने आया था लेकिन अब लोग व्हाइट फंगस की भी मार झेल रहे हैं। पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉक्टर एसएन सिंह ने कोरोना मरीजों में व्हाइट फंगस मिलने की पुष्टि की है। यह फंगस मरीजों की त्वचा या स्किन को नुकसान पहुंचा रहा है। व्हाइट फंगस की देरी से पहचान होने पर जान भी जाने का खतरा रहता है। डॉ. एसएन सिंह ने कोविड और पोस्ट कोविड मरीजों से व्हाइट फंगस की समस्या को गंभीरता से लेने की अपील की है।
इधर राजधानी में ब्लैक फंगस म्यूकोरमाइकोसिस का खतरा लगातार बढ़ते जा रहा है। यहां गंगाराम अस्पताल में 6 मई को केवल 6 मामले आए थे, जो 19 मई तक बढ़ कर 60 हो गए हैं। मैक्स में अब तक 25 मरीज एडमिट हुए हैं। लेडी हार्डिंग में 12, आरएमएल में 5, अपोलो में 10, आकाश हॉस्पिटल में लगभग 20 मरीजों का इलाज चल रहा है।
गुड़गांव में भी बढ़ा खतरा
दिल्ली से सटे गुड़गांव में भी ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। खबरों की माने तो जिले के अस्पतालों में 75 से अधिक मरीजों का इलाज चल रही है। निजी अस्पतालों के प्रबंधनकों की मानें तो अब 75 मरीज अलग-अलग अस्पतालों में इलाज ले रहे हैं, जबकि इससे पहले 50 मरीज ही थे। हालांकि, इससे अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है।
अरविंद केजरीवाल ने की समीक्षा बैठक
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को लेकर समीक्षा बैठक की है। वहीं, महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, यूपी, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में अब तक इसके 1,800 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। राजस्थान सरकार ने तो ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है।
ब्लैक फंगस के स्टेज और लक्षण
ब्लैक फंगस के कुल 4 स्टेज होते हैं,
पहले स्टेज में फंगस की शुरुआत नाक से होती है। इसमें वायरस नाक में ही रहता है।
लक्षण- जुकाम, नाक बंद हो जाना, नाक से ब्लड आना, दर्द, चेहरे पर सूजन व कालापन आना।
स्टेज 2- दूसरे स्टेज में आने के बाद फंगस नाक से साइनस में पहुंच जाता है। आंख की एक नस साइनस से होते हुए ब्रेन में जाती है, इससे वो भी ब्लॉक होती है।
लक्षण- इसके लक्षण में आंख में दर्द बढ़ता है, आंखों में सूजन आना शुरू हो जाती है, साथ ही आंखों की रोशनी भी कम होने लगती है।
स्टेज 3- इसमें वायरस आंख के अंदर चला जाता है। साथ ही फेफड़े में भी जा सकता है।
लक्षण- आंख हिलती नहीं हैं, बंद हो जाती है, जिससे दिखना भी बंद हो जाता है। फेफड़े में जाने पर खांसी और जकड़न जैसी समस्या हो सकती है।
स्टेज 4- इसमें वायरस ब्रेन में चला जाता है।
लक्षण- इसमें मरीज बेहोश होने लगता है, अन्य मानसिक दिक्कतें भी शुरू हो जाती हैं।
इन राज्यों में ब्लैक फंगस के मामले
महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस की वजह से 90 लोगों की मौत हो चुकी है। 2000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
मध्यपप्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के 300 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
राजस्थान में 1000 रोगियों का इलाज चल रहा है। रोजाना 50 से अधिक ब्लैक फंगस के मरीज सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ मंत्री को लेटर लिख 50 हजार डोज की मांग की है।
हरियाणा में ब्लैक फंगस के 177 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।