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ब्लैक, व्हाइट और यैलो फंगस के बाद अब लोगों को एस्परगिलोसिस इंफेक्शन का खतरा! जानें इसके बारे में सबकुछ

photo courtesy Google

देश में एक के बाद एक महामारी का रुप लेकर नई बीमारियां सामने आ रही है। पहले कोरोना महामारी, फिर ब्लैक फंगस, वाइट फंगस, यैलो फंगस और अब पल्मोनरी एस्परगिलोसिस नाम की बीमारी… ये एक तरह का फंगल इंफेक्शन है, जो काफी खतरनाक है। खबरों के मुताबिक ये बीमारी कोरोना संक्रमितों या फिर कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को हो रही है। ये केस सबसे पहले गुजरात के वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में देखने को मिला, जहां नए फंगल इंफेक्शन से आठ मरीज संक्रमित हो गए।

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो साइनस पल्मोनरी एस्परगिलोसिस को एक दुर्लभ बीमारी है, जो एस्परगिलस के कारण होने वाला एक संक्रमण है। एस्परगिलोसिस एक प्रकार के मोल्ड (कवक) के कारण होने वाला संक्रमण है। एस्परगिलोसिस संक्रमण से होने वाली बीमारियां आमतौर पर मरीज को सांस लेने में दिक्कत करती है। लेकिन इनके लक्षण और गंभीरता अलग-अलग हो सकते है। बीमारियों को ट्रिगर करने वाला मोल्ड यानी कवक एस्परगिलस, घर के अंदर और बाहर हर जगह मौजूद होता है।

एस्परगिलोसिस के लक्षण

सीने में दर्द होना

खांसी के साथ खून आना

तेज बुखार आना

खांसी होना

सांस लेने में कठिनाई होना

​हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोविड 19 के ठीक हो रहे मरीजों को इससे काफी खतरा है। फंगल इंफेक्शन का मुख्य कारण स्टेरॉयड का प्रयोग करना और मरीज का कमजोर इम्यून सिस्टम है। साथ ही इसके पीछे ऑक्सीजन की आपूर्ति को हाइड्रेट करने के लिए साफ पानी इस्तेमाल न किया जाना भी एक कारण बताया जा रहा है।पल्मोनरी एस्परगिलोसिस संक्रमण का खतरा भी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली या फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों को ज्यादा है।