भारत में कोविड-19 से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या आज 15 लाख को पार कर गई। 15,35,743 मरीजों का ठीक होना त्वरित जांच नीति अपनाने, मरीजों की निगरानी और उनके इलाज में तेजी के कारण संभव हुआ है। बेहतर एंबुलेंस सेवाओं, देखभाल के मानकों पर विशेष ध्यान देने और नॉन-इन्वैसिव ऑक्सीजन के कारण अपेक्षित परिणाम देखने को मिले हैं।
पिछले 24 घंटों में इलाज के बाद एक दिन में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या सबसे अधिक यानी 54,859 होने के साथ ही कोविड-19 मरीजों की ठीक होने की दर 70 प्रतिशत होकर एक और ऊंचाई तक पहुंच चुकी है।
तेजी से स्वस्थ होने की रिकॉर्ड संख्या से यह सुनिश्चित हो गया कि सक्रिय मामलों की संख्या में कमी आई है और वर्तमान में यह कुल पॉजिटिव मामलों का केवल 28.66 प्रतिशत है। भारत में 9 लाख से अधिक लोगों के ठीक होने की जानकारी मिली है, जबकि सक्रिय मामले (6,34,945) हैं।
आक्रामक जांच और अस्पताल में भर्ती मामलों के लिए तेजी से क्लीनिकल प्रबंधों के जरिए रोगी का जल्द पता लगाने के संबंध में केन्द्र और राज्य/संघ शासित प्रदेशों के समन्वित प्रयासों के कारण यह परिणाम देखने को मिले हैं और मृत्यु दर में लगातार कमी आ रही है। आज की तारीख में यह दो प्रतिशत है और तेजी से गिर रही है। रोगियों की शुरुआत में ही पहचान हो जाने के कारण सक्रिय मामलों का प्रतिशत तेजी से गिर रहा है।
शुरुआत में ही पहचान हो जाने के कारण मामूली और सामान्य मामलों को समय पर और तेजी से एकांत स्थान पर रखने में मदद मिली है और गंभीर मामलों का प्रभावी तरीके से प्रबंधन किया जा रहा है।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि कोविड-19 संक्रमण अभी भी 10 राज्यों में बरकरार है, जिसके कारण 80 प्रतिशत से अधिक नये मामले सामने आए हैं। घर-घर जाकर किये गए सर्वेक्षणों के जरिए आक्रामक जांच और रोगियों का पता लगाने तथा इन इलाकों में कंटेनमेंट से जुडी रणनीतियां बनाकर और निगरानी रखने से हो सकता है कि शुरुआत में पॉजिटिव मामलों की संख्या में वृद्धि देखने को मिली हो। फिर भी सही तरीके से लागू रणनीतियों से यह सुनिश्चित होगा कि समय के साथ कोविड मरीजों की संख्या कम होगी।.