किलर कोरोना की अभी दूसरी लहर गई नहीं है कि तीसरी लहर आने का डंका पीट दिया गया है। तीसरी लहर के नाम से ही देश में खौफ पसर गया है। क्यों कि अभी तो दूसरी लहर ने ही ऐसा कहर बरपाया है कि न शहरों में बेड मिल रहे हैं और न दवा और ऑक्सीजन। चारों ओर कोहराम है। अब तीसरी लहर में क्या होगा यह सोच कर ही दिल कांप उठता है।
मोदी सरकार के प्रिसिंपल साइंटिफिक अडवाइजर विजय राघवन ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर भी आकर रहेगी इसे कोई रोक नहीं सकता। लेकिन यह कब और कैसे आएगी अभी इस बारे में कहा नहीं जा सकता। विजय राघवन ने कहा कि हमें कोरोना की नई लहर के लिए तैयार रहना होगा।
देश में कोरोना की तीसरी लहर का मतलब है दिल्ली में कम से कम पांचवीं लहर। लिहाजा पहले से भी कई गुना ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। मौजूदा लहर ढलान की तरफ जाए तब भी बहुत ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। लंबी लड़ाई है और सतर्कता व ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन ही बचाव हैं।
राघवन के मुताबिक, इन्फेक्शन के बाद शरीर में सक्रिय हुए एंटीबॉडीज और वैक्सिनेशन के बाद पैदा हुई इम्युनिटी के बाद भी खतरा मौजूद रहेगा। कोरोना अपना रूप बदलेगा। हमें इसकी तैयारी करनी होगी और वैक्सीन को भी अपडेट करने की जरूरत होगी। राघवन ने कहा कि कोरोना की पहली लहर दो फैक्टर की वजह से कम हुई। जिन लोगों को इंफेक्शन हुआ उनमें इम्युनिटी भी डिवेलप हुई और मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग सहित बचाव के जो भी कदम उठाए गए उससे संक्रमण फैलना कम हुआ। बचाव के कदमों में ढिलाई बरती तो संक्रमण फैलना फिर शुरू हुआ।
दूसरी लहर में कई फैक्टर थे जिसमें कोरोना के नए वेरिएंट भी फैक्टर हैं। दूसरी लहर इसलिए बढ़ी क्योंकि जो इम्युनिटी बनी थी वह इतनी नहीं थी की संक्रमण को रोक सके। कम इम्युनिटी और बचाव के कदमों में ढिलाई से दूसरी लहर ज्यादा मजबूत हुई। वायरस का म्यूटेशन इस तरह आएगा इसका भी अनुमान नहीं था। म्यूटेशन के साथ वायरस के फैलने की क्षमता भी बढ़ी। जहां इम्युनिटी थी वहां वायरस को घुसने का मौका नहीं मिला तो वायरस ने रूप बदला और कम इम्युनिटी वालों को संक्रमित किया।
राघवन ने कहा कि जब वैक्सीनेशन बढ़ेगा तो वायरस लोगों को संक्रमित करने के नए तरीके ढूंढेगा, जिसके लिए हमें तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस अपना रूप बदलता रहता है। इसलिए हमें वैक्सीन और दूसरे पहलुओं पर रणनीति बदलती रहनी होगी। दुनिया भर में साइंटिस्ट देख रहे हैं कि वायरस किस किस तरह बदल सकता है और उसी हिसाब से उसे रोकने की तैयारियों पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि वायरस को कोई भी वेरियंट हो वह एक ही तरीके से फैलता है ह्यूमन टू ह्यूमन। इसलिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोरोना को रोकने के लिए जो भी बिहेवियर करना है उसका पालन करते रहना होगा।