कोरोना पर नियंत्रण के लिए काम कर रहे प्रधानमंत्री मोदी के एम्पॉवर्ड ग्रुप ने एक रिपोर्ट सौंपी है। एक्सपर्ट के अनुभवों और राय के मुताबिक एम्पॉवर्ड ग्रुप ने देश के 150 जिलों में पूर्ण लॉक डाउन की सिफारिश की है। इस सिफारिश पर स्वास्थ्य मंत्रालय की राय भी मांगी गई है। ऐसा कहा जाता है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी उन जिलों में लॉक डाउन की अनुशँसा कर दी है जहां कोरोना 15 फीसदी या इससे ज्यादा की दर से बढ़ रहा है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जरूरी सेवाओं और सुविधाओं में छूट दिए जाने की बात भी कही गई है।
इसी के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों मेडकल ऑक्सीजन की सप्लाई और प्रोडक्शन बढ़ाए जाने पर जोर दिया गया है। पुराने और बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को कई राज्यों ने शुरू कर दिया है। कुछ में प्लांट्स की रिपेयर जारी है और जल्दी ही उनमें प्रॉडक्शन शुरू हो जाएगा। अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड बढाने के साथ-साथ अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ बढाए जाने पर जोर दिया जा रहा है।
डेढ़ सौ जिलों लॉक डाउन के प्रस्ताव में इस बात पर जोर दिया गया है कि 15 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों में लॉकडाउन जरूरी है। इन जिलों में जरूरी सेवाओं को छूट देकर लॉकडाउन लगाना होगा नहीं तो स्वास्थ्य प्रणाली पर इसका बोझ अधिक बढ़ जाएगा।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसे जिले जहां संक्रमण की दर अधिक है वहां कोरोना की रफ्तार रोकने के लिए ऐसे कदम उठाए जाने जरूरी हैं। कुछ हफ्ते का लॉकडाउन लगाए जाने से कोरोना के चेन को ब्रेक किया जा सकता है।
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण ऑक्सिजन की संकट खड़ा हो गया है। इस बीच सरकार ने बताया कि लिक्विड मेडिकल ऑक्सिजन (एलएमओ) का उत्पादन बढ़कर प्रतिदिन 8,922 टन हो गया है, जिसके महीने के अंत तक प्रतिदिन 9,250 टन से अधिक हो जाने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में इस जीवन रक्षक गैस के बढ़ते उत्पादन के बारे में जानकारी दी गई। कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच कई स्थानों में ऑक्सिजन की कमी की खबरें सामने आई हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक बैठक में मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द पीएसए ऑक्सिजन संयंत्र शुरू करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करें।