कोरोना वायरस की वैक्सीन (Corona Vaccine) बाजार में आने की खुशखबरी के साथ एक खतरनाक खबर भी सामने आई है। इस खतरे को लेकर इंटरपोल ने सभी देशों को सतर्क किया है। <a href="https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%87%E0%A4%A3%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%B0%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%B2" target="_blank" rel="noopener noreferrer">इंटरपोल</a> ने कहा है कि कुछ इंटरनेशनल माफिया गैंग नकली कोरोना वैक्सीन <a href="https://hindi.indianarrative.com/india/covid19-after-uk-russia-india-is-expected-to-provide-a-country-vaccine-by-december-20128.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">(Corona Vaccine)</a> की सप्लाई करने की तैयारी कर रहे हैं। ये लोग जरूरतमंद लोगों के मजबूरी का फायदा उठा सकते हैं। ऑनलाइन विज्ञापन के जाल में लोगों को फंसा कर फर्जी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) भेज सकते हैं। इसके अलावा ये लोग कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की सरकारी सप्लाई चेन में भी घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं।
कोरोना महामारी (COVID19) से त्रस्त कई देशों में अगले हफ्ते टीकाकरण शुरू किया जा रहा है। कुछ देश जनवरी-फरवरी तक वैक्सिन बांटना शुरू कर सकते हैं। इन देशों में ट्रायल चल रहे हैं। भारत में वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट का एक हफ्ते पहले कहना है कि स्वास्थ्य कर्मियों और बुजुर्गों के लिए ऑक्सफोर्ड Covid-19 की वैक्सीन अगले साल फरवरी 2021 तक मिल जाएगी। लेकिन बुधवार को एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया, उन्हें आशा है कि इस महीने के आखिर से लेकर अगले महीने के शुरू में कोविड-19 वैक्सीन <strong>Covishield Vaccine</strong> के आपात उपयोग की मंजूरी मिल सकती है। ऐसे ही अप्रैल तक यह वैक्सीन आम लोगों को उपलब्ध होने की उम्मीद है।
अगले हफ्ते ब्रिटेन और रूस में टीका बंटना शुरू होगा। इस बीच, इंटरपोल ने अपने 194 सदस्य देशों को 'ऑरेंज नोटिस' जारी किया है। उसका कहना है कि वैक्सिन को लेकर संगठित अपराध नेटवर्क सक्रिय होगा। इंटरपोल ने अलर्ट करते हुए कहा, अपराधी शारीरिक और ऑनलाइन दोनों ही तरीकों से वैक्सिन को निशाना बना सकते हैं। साथ ही नकली वैक्सिन, बिक्री और अवैध विज्ञापन को लेकर आपराधिक गतिविधियां बढ़ा सकते हैं।
इंटरपोल का कहना है कि COVID-19 के कई टीके एप्रूव होने और दुनिया भर में वितरण के करीब हैं। ऐसे में इनकी आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और नकली उत्पादों को बेचने वाली अवैध वेबसाइटों की पहचान करना जरूरी होगा। इसके लिए कानून प्रवर्तन और स्वास्थ्य नियामक निकायों के बीच समन्वय से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जा सकेगी।
<strong>इंटरपोल के महासचिव जर्गेन स्टॉक ने कहा, जैसा कि सरकारें वैक्सीन को लाने और उनके उपयोग की तैयारी कर रही हैं, वहीं आपराधिक संगठन इन वैक्सीन की सप्लाई चेन में घुसपैठ करने की योजना बना रहे हैं। आपराधिक नेटवर्क फर्जी वेबसाइटों के जरिए भी जनता को निशाना बना रहे होंगे। इससे लोगों के स्वास्थ्य और उनके जीवन को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।</strong>
महासचिव ने आगे कहा, यह जरूरी है कि जितना संभव हो सके कानून प्रवर्तन एजेंसियां तैयार हो जाएं, ताकि COVID19 वैक्सीन से जुड़े सभी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। इसीलिए इंटरपोल ने यह वैश्विक चेतावनी जारी की है।
COVID19 से संबंधित धोखाधड़ी को बढ़ते देख इंटरपोल ने जनता को सलाह दी है कि वे चिकित्सा उपकरणों या दवाओं की खोज के लिए ऑनलाइन सर्च करते समय विशेष ध्यान रखें। इंटरपोल की साइबर क्राइम यूनिट द्वारा किए गए एक विश्लेषण से पता चला है कि ऑनलाइन फार्मेसी से जुड़ी 3,000 वेबसाइटों में से 1,700 को साइबर खतरा है। ऑनलाइन घोटालों से बचने के लिए, सतर्क रहना महत्वपूर्ण। लिहाजा लोग COVID19 के संबंध में नई स्वास्थ्य सलाह के लिए हमेशा अपने राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों या विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट देखें।
<h3>रूस में अगले हफ्ते से हाेगा टीकाकरण</h3>
रूस के कोरोनो वायरस के खिलाफ बड़े पैमाने पर टीकाकरण शुरू कर रहा है। उप-प्रधानमंत्री तात्याना गोलिकोवा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक ऑनलाइन बैठक में पुतिन ने कहा, अगले हफ्ते चिकित्साकर्मी और शिक्षकों को पहले टीका लगाई जाय। रूस का कहना है कि आने वाले दिनों में वैक्सीन खुराक के उत्पादन की संख्या 20 लाख तक पहुंच जाएगी।वहीं, इस साल के अंत तक करीब 80 हजार सैनिकों को वैक्सीन मिलेंगे, जबकि 4 चार से अधिक सैनिकों को टीके लगाए जाएंगे।
<h3>रूस ने विकसित किए तीन टीके</h3>
आपको बता दें कि रूस ने दो COVID-19 टीके विकसित किए हैं, जिनका नाम है स्पूतनिक-5 और एपीवैककोरोना। विकसित किए जा रहे तीसरे टीके के लिए इस साल के अंत तक परीक्षणों को पूरा करने की उम्मीद है।
<h3>ब्रिटेन में भी अगले हफ्ते से टीका मिलना होगा शुरू</h3>
ब्रिटेन की सरकार ने कोरोना वैक्सीन के टीके को मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन ने अमेरिकी कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक के संयुक्त कोरोना टीके को अपनी मंजूरी दी है। अगले हफ्ते से यहां के लोगों को कोरोना का टीका मिलना शुरू हो जाएगा।
<h3>कितना असरदार है फाइजर का टीका</h3>
ब्रिटेन को कोरोना टीका 8 लाख डोज मिलेंगे। कंपनी का दावा है कि उनका टीका 95 फीसद तक असरदार है। कंपनी ने ये भी कहा कि यह टीका हर उम्र और नस्ल के लोगों पर असरदार है। साल 2021 के अंत तक ब्रिटेन को टीके की चार करोड़ खुराक मिलने की उम्मीद है।
<h3>चीन भी दे चुका है मंजूरी</h3>
चीन ने टीके के पहले चरण के ट्रायल से पहले ही मंजूरी दे दी थी। वहीं रूस ने अपनी वैक्सीन स्पूतनिक के तीसरे चरण के ट्रायल से पहले ही मंजूरी दे दी थी।.