कोरोना का पुराना वायरस जहां बच्चों और बूढों को निशाना बना रहा था तो वहीं नया वायरस युवाओं में बहुत तेजी से फैलने की आशंका है। नया वायरस पहले वाले से ज्यादा है। ऐसा कहा जा रहा है कि नया वायरस केवल 30 से 40 सेकेंड्स में ही किसी भी व्यक्ति में संक्रमण फैला सकता है। इसका मोरटेलिटी रेट पहले वाले वायरस से 70 फीसदी ज्यादा है।
केंद्र सरकार ने इस वायरस को लेकर चेतावनी जारी की है और पिछले एक महीने में ब्रिटेन से भारत आने वाले यात्रियों की जांच या उनपर निगरानी रखी जा रही है। बता दें कि ब्रिटेन में इस नए वायरस के प्रसार के बाद वहां के कई इलाकों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। भारत समेत 40 से ज्यादा देशों ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है।
नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने मंगलवार को बताया कि कोरोना का नया रूप बहुत ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है और यह तेजी से फैल सकता है। यूरोपीय सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार, यह वायरस युवाओं को ज्यादा प्रभावित कर रहा है। वैज्ञानिकों ने इस नए वायरस का नाम B.1.1.7. रखा है। हालांकि, पॉल ने कहा कि भारत में कोरोना के इस नए रूप का पता नहीं चला है। पॉल ने कहा, 'अब तक उपलब्ध आंकड़ों, विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन और सतर्क रहना पड़ेगा। हमें इस नई चुनौती से निपटना होगा।'
उन्होंने कहा कि वायरस के स्वरूप में बदलाव के मद्देनजर इलाज को लेकर दिशा-निर्देश में कोई बदलाव नहीं किया गया है और खास कर देश में तैयार किए जा रहे टीकों पर इससे कोई असर नहीं पड़ेगा। पॉल ने कहा कि स्वरूप में बदलाव से वायरस ज्यादा संक्रामक हो सकता है। यह जल्दी संक्रमण फैला सकता है। उन्होंने कहा, 'यह भी कहा जा रहा है कि यह वायरस 70 गुना ज्यादा संक्रमण फैलाता है। एक तरीके से कह सकते हैं कि यह ‘सुपर स्प्रेडर’ है लेकिन इससे मृत्यु, अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा नहीं बढ़ता है। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह तेजी से लोगों में संक्रमण फैलाता है'.