कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप लोगों के बीच काफी देखने को मिल रहा है। कोरोना से जंग लड़ने के लिए देश भर में टीकाकरण का अभियान चल रहा है। लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। लेकिन कुछ लोगों के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर विश्वास पैदा नहीं हो पा रहा है। वजह है सोशल मीडिया पर अफवाहों का तेज होना… हर रोज सोशल मीडिया पर वैक्सीन को लेकर कई दावे किए जाते है, जो सिर्फ एक अफवाह होती है। इनको लेकर सरकार द्वारा गठित की गई एक टीम कार्रवाई करने में जुटी हुई है।
हाल ही में कोरोना संक्रमित मरीजों को लेकर भी कुछ ऐसा ही दावा किया गया। जिसमें कहा गया कि जो पुरुष कोरोना से संक्रमित हो रहा है, उसमें नपुंसकता आ रही है। इसको लेकर 'वर्ल्ड जर्नल ऑफ मेन्स हेल्थ' के वैज्ञानिकों ने कोरोना से संक्रमित हुए और संक्रमित न होने वाले पुरुषों के ऊतकों यानी टिशू में अंतर को विस्तार से बताया। उन्होंने अपने रिसर्च में पाया कि कोरोना वायरस शरीर में रक्त वाहिकाओं यानी ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते है और पुरुषों का प्राइवेट पार्ट भी इसमें शामिल है।
यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी मिलर स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिप्रोडक्टिव यूरोलॉजी प्रोग्राम के एसोसिएट प्रोफेसर और डायरेक्टर ने इस अध्ययन का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि इस वायरस के प्रतिकूल प्रभावों में से एक नपुंसकता भी हो सकती है। आपको बता दें ये रिसर्च लोगों पर किया गया जो 6 या 8 महीने पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे। इनमें से किसी को भी पहले से ऐसी समस्या नहीं था। दो कोरोना संक्रमित हुए पुरुषों के प्राइवेट पार्ट के टिशू में वायरस के अवशेष भी देखे गए।
स्टडी में शामिल एक डॉक्टर की मानें तो, 'जिन पुरुषों को कभी भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या नहीं थी, उनमें कोरोना संक्रमित होने के बाद ऐसी समस्या हुई है। स्टडी से पता लगता है कि कोरोना वायरस सिर्फ फेफड़ों और किडनी ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य अंगों को भी निष्क्रिय बना सकता है।' हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस का सेक्शुअल फंक्शन पर होने वाले वास्तविक असर का पता लगाने के लिए भविष्य में और गहन शोध करने पड़ेंगे।