Hindi News

indianarrative

अमेरिकी वैज्ञानिक एंथनी फाउची का बड़ा दावा, कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक के 1 साल बाद लेना पड़ सकता है बूस्टर शॉर्ट

corona vaccine

कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश टीकाकरण अभिनाय जारी है। भारत तेजी से अपने देश के नागरिकों को वैक्सीनेट कर रहा है। वैक्सीन के पहले डोज के बाद लोग दूसरे डोज के इंतजार में हैं। अब एक मशहूर वैज्ञानिक ने कहा है कि लोगों को दूसरे डोज के बाद एक बुस्टर डोज लेना होगा। दुनिया के शीर्ष महामारी वैज्ञानिकों में से एक एंथनी फाउची और फाइजर वैक्सीन कंपनी के सीईओ अल्पर्ट बाउर्ला ने यह बात कही है।

दोनों ने कहा कि भविष्य में लोगों को वैक्सीन की दो डोज लेने के 8 से 12 महीने के बाद एक बूस्टर शॉर्ट के तौर पर तीसरी खुराक लेनी पड़ सकती है। वैक्सीन तैयार करने और कोरोना के चलते भविष्य के हालातों पर चर्चा करते हुए फाउची और बाउर्ला ने यह बात कही। इससे पहले भी कई बार इस तरह की चर्चाएं सामने आई थीं, लेकिन फाउची के बयान से साफ है कि भविष्य में तीसरी डोज भी कोरोना से जंग के लिए अहम हो सकती है।

अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियल डिजीज के निदेशक एंथनी फाउची ने कहा कि कोरोना से जंग के लिए बूस्टर डोज अहम होगी। आखिर कब लोग बिना मास्क के निकल सकेंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि अमेरिका में जब ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग जाएगी तो घरेलू उड़ानों में बिना मास्क के ही कुछ महीनों बाद लोग चल सकेंगे। लेकिन दुनिया भर की बात करें तो स्थिति अलग है। हम अमेरिका में ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगाकर एक अच्छा काम कर सकते हैं। लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि दुनिया के अन्य हिस्सों में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है।'

फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बाउर्ला ने कहा कि दुनिया भर के डेटा से साफ है कि आने वाले दिनों में 8 से 12 महीने में कोरोना की एक बूस्टर डोज की जरूरत होगी। यही नहीं उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी वैक्सीन के वर्जन को लेकर काम कर रहे हैं कि उसे फ्रिज में रखा जा सके। यह एक रेडी-टू-यूज वैक्सीन होगी। इस वैक्सीन को सामान्य फ्रिज में 6 महीने तक के लिए रखा जा सकेगा। बता दें कि भारत में फिलहाल कोरोना वैक्सीन की दो डोज ही लग रही हैं। हाल ही में सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज के बीच के अंतराल को 12 से 16 सप्ताह तक बढ़ाने का फैसला लिया है। पहले यह समय 6 से 8 सप्ताह का ही था।