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Corona: कोरोना का साथ देने आया ये नया वायरस, कोविड से ठीक हो चुके मरीजों का कर रहा शिकार

photo courtesy Google

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप से लोग पहले ही जूझ रहे है। अब ऐसे में एक और नई बीमारी लोगों के शरीर पर कब्जा जमा रही है। ये बीमारी कोरोना से ठीक हो रहे मरीजों में देखने को मिल रही है। इस बीमारी का नाम है साइटोकाइन स्टॉर्म… बीते 24 घंटे में 4 लाख 22 हजार से ज्यादा लोग रिकवर हुए है और तीन लाख से कम मामले दर्ज हुए है। इस बीच करीब 1 लाख 63 हजार मामलों में गिरावट आई है लेकिन 4 हजार से ज्यादा लोगों संक्रमण के कारण मौत भी हुई है। इसी बीच एक नई बीमारी ने लोगों में खौफ पैदा कर दिया है।

इस बीमारी का नाम है साइटोकाइन स्टॉर्म… ब्लड क्लॉटिंग, हैप्पी हाइपोक्सिया, स्ट्रोक के बाद अब कोरोना संक्रमितों में साइटोकाइन स्टॉर्म का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। साइटोकाइन स्टॉर्म को समझने से पहले हमें यह जानना जरूरी है कि साइको टाइन्स हैं क्या? वे मूल रूप से प्रोटीन  होते हैं जो विभिन्न प्रकार की शरीर कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न होते हैं। साइटोकाइन शरीर के कई कार्यों में सहायता करते हैं जिसमें इम्यून सिस्टम का वायरस से लड़ना भी शामिल है।

हालांकि, अगर शरीर बहुत अधिक साइटोकाइन छोड़ता है या कहें इम्यून सिस्टम ज्यादा एक्टिव हो जाता है तो चीजें शरीर को नुकसान हो सकता है। यह इम्यून सिस्टम की एक्टिविटी को ट्रिगर कर सकता है जो शरीर के लिए घातक हो सकता है। वह अवस्था जहां शरीर बहुत अधिक साइटोकाइन छोड़ता है उसे साइटोकाइन स्टॉर्म कहा जाता है। आप में से बहुत से लोग इस बीमारी के बारे में अंजान हैं लेकिन अब ये बीमारी कोविड मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो रही है।

एक रिसर्च के मुताबिक, कोरोना के साथ अस्पताल में भर्ती लगभग 20 से 30 प्रतिशत मरीजों का इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने में जरूरत से ज्यादा सक्रिय हो जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर की दूसरे हिस्सों को नुकसान पहुंचाने लगता है, यहां तक कि मौत होना का खतरा होता है। इसे ही साइटोकिन स्टॉर्म कहा जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार साइटोकाइन स्टॉर्म के दौरान शरीर में मौजूद इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने के बजाय अपनी ही कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करने लगता है। बताया जाता है कि इस अवस्था में कोविड के कई बीमार रोगियों का ब्लड हाई लेवल इम्यूनिटी प्रोटीन के साथ फ्लो करता है, जिसे साइटोकिन्स कहा जाता है।