कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए सरकार लगातर नई-नई गाइडलाइंस जारी कर लोगों को जागरूक कर रही है कि इससे कैसे बचा जाय। दूसरी लहर में संक्रमण काफी तेजी से फैला इस दौरान सरकार और एक्सपर्ट्स ने कई बार कहा है कि हल्के लक्षण महसूस होते ही खुद को आइसोलेट कर लें ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। इस वक्त जो कोरोना वायरस का स्ट्रेन चल रहा है वो बेहद ही घातक है ऐसे में खुद को बचाए रखना बेहद जरूरी है। आईए जानते हैं मेदांता के डॉक्टर ने इससे बचने के क्या उपाय बताए।
मेदांता के डॉक्यर नरेश त्रेहन ने मरीजों को सलाह दी है कि जैसे ही लक्षण नजर आए सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोगों को खांसी, जुकाम, गले में खराश या बुखार होता है, ऐसे ही लोग ज्यादा पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। ऐसे लोगों को तुरंत खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए ताकि दूसरों की सुरक्षा हो सके।
वैक्सीन के सवाल पर मेदांता के डॉक्टर ने कहा कि वैक्सीन के लिए ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं है, जहां कोरोना के हॉटस्पॉट हैं वहां 6 हफ्ते में वैक्सीन लगनी चाहिए लेकिन जहां से संक्रमण के कम केसेस आ रहे हैं वहां डोज के बीच का समय बढ़ाया जा सकता है।
वहीं, वैक्सीन के पर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि, विश्व और राष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन की हमेशा कुछ ना कुछ कमी होगी। संभवतः दो महीने में बड़ी संख्या में वैक्सीन उपलब्ध होगी क्योंकि वैक्सीन उत्पादक कंपनियां अपने उत्पादन प्लांट खोलना शुरू कर देंगी और बाहर से भी हमें वैक्सीन मिलेगी। वैक्सीन स्ट्रेटजी का एक हिस्सा है, हमें स्वास्थ्य के अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर और कोविड उपयुक्त व्यवहार को सुनिश्चित करना होगा।