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Corona Vaccine: खुशखबरी, एक-दो नहीं कोरोना के 600 से ज्यादा वायरस को मारने में सक्षम है कोवैक्सीन

Covaxin capable of neutralizing 617 variants of covid-19

भारत में जब कोरोना की वैक्सीन तैयार हो रही थी तब कई महानुभावों ने इसपर कई सवाल खड़े किए थे कि यह कोरोना से लड़ने में सक्षम नहीं है। बसर्ते की यह स्वदेशी वैक्सीन थी इसलिए कई बुद्धिजीवियों को इसपर विश्वास कर पाना मुश्किल था। इस वैक्सीन पर राजनीति भी जमकर हुई। अब जिन्होंने इस वैक्सीन को लेकर सवाल खड़े किए थे उन्हीं के मुंह पर तमाचा है। यह अपने देश के किसी पार्टी या डॉक्टरों ने नहीं बल्की व्हाइट हाउस ने जारी अपने बयान घोषणा की है कि कोवैक्सीन 617 प्रकारों लड़ती  है।

भारतीय स्वदेशी टीका कोवैक्सीन कोविड-19 से प्रतिरक्षा के लिए कोवैक्सीन घातक वायरस के 617 प्रकारों को निष्प्रभावी करने में सक्षम पाया गया है। अमेरिका के व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार एवं अमेरिका के शीर्ष महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने मंगलवार को कॉन्फ्रेंस कॉल में संवाददाताओं से यह बात कही।

उन्होंने कहा, 'यह कुछ ऐसा है जहां हमें रोजाना अब भी आंकड़े मिल रहे हैं। लेकिन सबसे ताजा आंकड़ों में कोविड-19 मरीजों के खून के सीरम और जिन लोगों को भारत में इस्तेमाल होने वाला कोवैक्सीन टीका दिया गया है उनको शामिल किया गया है। यह 617 प्रकारों को बेअसर करने वाला पाया गया है।'

फाउची ने कहा, इसलिए भारत में हम जो मुश्किल हालात देख रहे हैं उसके बावजूद टीकाकरण इसके खिलाफ बहुत-बहुत प्रतिकारक हो सकता है। वहीं, मंगलवार को एक विदेशी अखबार ने खबर दी कि कोवैक्सीन प्रतिरक्षा तंत्र को सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाना सिखाकर काम करती है। ये एंटीबॉडीज वायरल प्रोटीन जैसे कथित स्पाइक प्रोटीनों से जुड़ जाते हैं जो इसकी सतह पर फैल जाते हैं।

वहीं, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ साझेदारी में भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन के आपातकालीन प्रयोग को तीन जनवरी को मंजूरी मिली थी। परीक्षण के परिणामों में बाद में सामने आया कि यह टीका 78 फीसदी तक प्रभावी है।