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Covid-19 Vaccine को लेकर छिड़ी जंग, चीन की 'चालबाजी' और रूस का आरोप

Covid-19 Vaccine को लेकर छिड़ी जंग, चीन की 'चालबाजी' और रूस का आरोप

Covid-19 Vaccine War : कोरोना वायरस का खतरा अभी भी दुनिया पर मंडरा रहा है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए दुनियाभर के देश वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। कई वैक्सीन ने कोरोना को खत्म करने की उम्मीद भी जगाई है। कोरोना वैक्सीन पर एकजुट होकर काम करने के बजाय Covid-19 Vaccine War शुरू हो गई है। रूस का आरोप है कि पश्चिम के देश अमेरिका के साथ मिलीभगत करके उसके वैक्सीन <strong>स्पुतनिक V</strong> के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। वैक्सीन को लेकर चीन की 'चालबाजी' भी जारी है। इस आपदा में भी चीन ने अवसर तलाशा है, वैक्सीन के परक्षीण के परीणामों को सार्वजनिक किए बगैर चीन वैक्सीन डिप्लोमेसी को अंजाम दे रहा है।

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दरअसल, रूस की हेल्थ अथॉरिटी ने अपने नागरिकों को चेतावनी दी थी कि उन्हों वैक्सीन लेने के दो महीने बाद तक शराब नहीं पीनी है। रूस का आरोप है कि अमेरिका की अगुआई में पश्चिमी देश Sputnik V के खिलाफ गलत जानकारी फैला रहे हैं। रूस का दावा है कि उसके यहां 1,50,000 से ज्यादा लोगों को अब तक Sputnik V का डोज दिया जा चुका है। ये वैक्सीन 95 प्रतिशत कारगर है। हालांकि, Sputnik V वैक्सीन के निर्माता एलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने इस दावे को गलत बताया है, जिसमें कहा गया है कि वैक्सीन के शॉट को लेने के बाद शराब का सेवन बंद करना पड़ेगा।

भारत में Sputnik V वैक्सीन के वितरण का अधिकार डॉक्टर रेड्डी लैबोरेटरी और हेटेरो लैब्स को मिला है। ये दोनों कंपनियां Sputnik V का ट्रायल भी भारत में कर रही हैं। 100 मीलियन वैक्सीन बेचने का अधिकार इन्हें मिला है।

इधर चीन भी कोरोना वैक्सीन के जरिए अपने संबंधों को सुधारने में लगा हुआ है। वैक्सीन डिप्लोमेसी के तहत चीन उन देशों के साथ संबंध सुधारने में लगा है, जिनके साथ उसके रिश्तों में खटास आई है। चीन के निशाने पर खासतौर पर लैटिन अमेरिकी देश जैसे ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया हैं। यहां तक की चीन वैक्सीन ट्रायल के अपने आंकडों को सार्वजनिक किए बिना ही छोटे देशों को अपनी वैक्सीन देने के लिए डील करने में लगा हुआ है।

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