कोरोना के मामलों को बढ़ता देख इसपर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने 1 मई से ओपन मार्केट में कोविड टीकों की बिक्री को मंजूरी दे दी है। इसके बावजूद केमिस्ट्स या फार्मेसीज पर वैक्सीन नहीं मिलेगी। केवल अस्पताल और वैक्सीनेशन सेंटर ही टीके लगा पाएंगे। इसको लेकर एक अधिकारी का कहना है कि टीकों को आपातकालीन लाइसेंस दिया गया है, ऐसे में केमिस्ट उन्हें नहीं बेच सकते। उन्हें एक प्रॉपर सेटअप में गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए लगाना जरूरी है।
टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभावों (AEFIs) को Co-Win पर दज किया जाएगा और उसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। सरकार जल्द ही डॉक्टर्स और आम जनता के लिए एक एडवायजरी भी जारी कर सकती है जिसमें AEFIs की पहचान, जांच और प्रबंधन का ब्योरा होगा। एडवायजरी में उन लक्षणों का जिक्र होगा जिनपर टीका लगने के बाद नजर रखनी है।
कितनी हो सकती है वैक्सीन की कीमत
मार्केट में आने वाले कोरोना वैक्सीन के कीमतों को लेकर लोगों में काफी सवाल है, अधिकत कंपनियां कोविड-19 वैक्सीन की एक डोज के दाम 700 से 1,000 रुपए के बीच रखना चाहती हैं। अभी सरकार ने एक डोज के कीमत 250 रुपए कैप की हुई है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला कह चुके हैं कि प्राइवेट मार्केट में Covidhield की डोज करीब 1,000 रुपए की होगी। वहीं, रूसी Sputnik V की कीमत 750 रुपए प्रति डोज हो सकती है। हालांकि इस बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं आया है। अभी तक किसी भी वैक्सीन की किमत को लेकर साफ नहीं हो पाया है कि मार्केट में आने के बाद उसकी कीमत क्या होगी। इसके लिए हमें फिलहाल इंतजार करना पड़ेगा।
मई से चाहिए होंगी टीकों की 1.2 बिलियन डोज
देश को मई से 1.2 बिलियन अतिरिक्त डोज की जरूरत पड़ेगी। भारत की करीब 44 % आबादी या करीब 60 करोड़ लोगों की उम्र 18 से 45 साल के बीच है। क्षमता बढ़ाने के बावजूद, भारत बायोटेक (Covaxin), सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (Covishield) और डॉ रेड्डी (Sputnik V) मिलाकर हर महीने केवल 11.5 करोड़ डोज ही दे पाएंगे जो कुल डिमांड का करीब 10% है। इसमें बाकी टीकों के उत्पादन का आंकड़ा शामिल नहीं है।