कोविड-19 के नए डेल्टा प्लस वेरिएंट ने वैज्ञानिकों से लेकर दुनियाभर की चिंता बढ़ा दिया है। यह वेरिएंट अब तक पाए गए वेरिएंट से सबसे खतरनाक माना जा रहा है। यह डेल्टा का म्यूटेशन से आया है। डेल्टा को भारत में दूसरी लहर में तबाही के लिए जिम्मेदार माना जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में डेल्टा प्लस वेरियंट के करीब 40 मामले सामने आ चुके हैं।
डेल्टा वेरिएंट के लक्षण
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक डेल्टा प्लस काफी संक्रामक है और फेफड़े की कोशिकाओं के रिसेप्टर से मजबूती से चिपकने में सक्षम है। इसकी वजह से फेफड़े को जल्द नुकसान पहुंचने की संभावना होती है और साथ ही यह मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल को भी मात देने में सक्षम है।
कोविड लक्षणों पर स्टडी करने वाले प्रमुख शोधकर्ता प्रो. टिम स्पेक्टर (Tim Spector) के अनुसार, जिन लोगों को डेल्टा वेरिएंट ने अपनी चपेट में लिया है, उन्हें तेज खांसी और अलग ही तरह की भावना जैसे फनी ऑफ फीलिंग का अहसास हो रहा है।
उनका कोल्ड सिम्टम्स पिछले वायरस से काफी अलग पाया जा रहा है। अध्ययन के अनुसार, सिरदर्द, गले में खराश और नाक बहना डेल्टा वेरिएंट से जुड़े सबसे आम लक्षण हैं।
इसके आलावा WHO के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कुछ सामान्य लक्षण बताए हैं, जिनमें त्वचा पर चकत्ते, पैर की उंगलियों के रंग में बदलाव होना, गले में खराश, स्वाद और गंध की हानि, दस्त और सिरदर्द शामिल है।