भारत में उपलब्ध होने वाली कोविड-19 की पहली वैक्सीन होने की संभावना SII की COVISHIELD को है। SII के सीईओ अदार पूनावाला ने एक ट्वीट में कहा कि 'वादे के मुताबिक, 2020 से पहले कंपनी ने पहली मेड-इन-इंडिया वैक्सीन के इमर्जेंसी यूज अथॅराइजेशन के लिए अप्लाई कर दिया है।' पूनावाला ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया। SII की <a href="https://hindi.indianarrative.com/india/serum-institute-approves-emergency-use-of-corona-vaccine-in-india-20623.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">वैक्सीन</a> के अलावा, भारत बायोटेक की Covaxin और रूस की Sputnik V को भी अगले साल अप्रैल तक अप्रूवल मिल सकता है।
As promised, before the end of 2020, @SerumInstIndia has applied for emergency use authorisation for the first made-in-India vaccine, COVISHIELD. This will save countless lives, and I thank the Government of India and Sri @narendramodi ji for their invaluable support.
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) December 7, 2020
फाइजर इंडिया (Pfizer India) और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने अपनी-अपनी वैक्सीन के इमर्जेंसी यूज अथॅराइजेशन की परमिशन मांगी है। फाइजर ने जहां अपनी वैक्सीन डिवेलप की है, वहीं SII ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन बना रहा है। SII की वैक्सीन का भारत में ट्रायल हुआ है लेकिन फाइजर के टीके का नहीं। फाइजर की वैक्सीन स्टोरेज के लिहाज से भी चुनौतीपूर्ण है।
वहीं, सीरम इंस्टिट्यूट ने एस्ट्राजेनेका के साथ वैक्सीन की 100 करोड़ डोज बनाने की डील कर रखी है। कंपनी ने यूनाइटेड किंगडम में हुए ट्रायल के डेटा के आधार पर भारत में वैक्सीन के लिए इमर्जेंसी यूज अप्रूवल मांगा है। भारत में ड्रग रेगुलेटर डेटा की जांच करने के बाद वैक्सीन को अगले साल जनवरी तक अप्रूवल दे सकते हैं।
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