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आपको अपच है, वॉमिटिंग और बॉडी पेन भी… तो कोरोना हो सकता है! आपको क्या करना है और क्या नहीं, यहां देखें क्या कहते हैं देश के नामचीन डॉक्टर्स

खबरदार! कोरोना वायरस के नए लक्षण

‘मरीजों के साथ-साथ डॉक्टर्स और अस्पताल अपने विवेक से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने की कोशिश करें तो आज हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन है। मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर आपको ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है तो अतिरिक्त सुरक्षा के तौर पर इसका उपयोग न करें। ऑक्सीजन की बर्बादी से यह उस व्यक्ति को नहीं मिलेगी जिसे इसकी जरूरत है।‘डॉक्टर त्रैहन

अगर आपको बदन दर्द, सर्दी, खांसी, अपच, उल्टी जैसे लक्षण हैं तो डॉक्टरों का सुझाव है कि आप कोविड-19 की जांच करा लीजिए। यह सबसे महत्वपूर्ण है। ऐसी संभावना है कि आप एसिंपटिक हो सकते हैं और ऐसे में डॉक्टर आपको घर में आइसोलेशन में रहने, मास्क पहनने और अपना ऑक्सीजन सैचुरेशन हर 6 घंटे में चेक करने के लिए कह सकते हैं। कोरोना का लक्षण अब केवल खांसी या बुखार तक सीमित नहीं रह गया है। इनडायजेशन और वॉमिटिंग हो रही है तो भी कोरोना हो सकता है। अगर इसके साथ बॉडी पेन है तो मामला और नजदीकी हो सकता है। देश के जाने माने चिकित्सकों की ने राय दी है कि तबीयत में जरा सी भी तब्दीली दिखाई दे रही है तो खुद डॉक्टर न बनें। अपने डॉक्टर को दिखाएं और ट्रीटमेंट शुरू कर दें। नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉक्टर देवी शेट्टी का कहना है कि जब तक ऑक्सीज लेवल 94-95 है तब तक कोई परेशानी नहीं। घर पर आईसोलेशन में रह कर इलाज कराएं अगर ऑक्सीजन लेवल गिर रहा है तो तुरंत नजदीक के किसी भी अस्पताल की मदद लें।

मेदांता अस्पताल के डॉक्टर नरेश त्रेहन ने कहा है कि मरीज मनचाहे इलाज के लिए डॉक्टरों पर किसी तरह का दबाव न डालें न डलवाएं। बस समय पर सही इलाज लेते रहें। डॉक्टरों को अगर लगता है कि किसी मरीज को रेमडेसिविर देने के आवश्यकता है तो वो खुद उसको प्रेसक्राइब्ड करेगा। इसमें गरीब या अमीर के हिसाब से नहीं बल्कि जरूरत के हिसाब से इलाज होगा। अस्पतालों ने एक प्रोटोकॉल बनाया है कि रेमडेसिविर सभी पॉजिटिव मरीजों को नहीं दी जाएगी। यह मरीजों के टेस्ट रिजल्ट, लक्षण, गंभीर बीमारी को देखने के बाद डॉक्टर की ओर से दी जाएगी। रेमडेसिविर कोई 'रामबाण' नहीं है ये केवल उन लोगों में वायरल लोड को कम करती है जिन्हें इसकी आवश्यकता होती है।

इसके अलावा मरीजों और उनके तीमारदारों को भी सोचना चाहिए कि अस्पताल में भर्ती होकर ही अच्छा इलाज नहीं हो सकता। इलाज घर पर भी हो सकता है। अस्पताल में केवल आपातकालीन चिकित्सा के लिए मरीजों को लाया जाना चाहिए।

अगर हम विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करने की कोशिश करें तो आज हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन है। मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर आपको ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है तो अतिरिक्त सुरक्षा के तौर पर इसका उपयोग न करें। ऑक्सीजन की बर्बादी से यह उस व्यक्ति को नहीं मिलेगी जिसे इसकी जरूरत है।