भारत ने जनवरी 2020 से अब तक कोविड-19 के अधिक-से-अधिक टेस्ट कराने के मामले में भारी वृद्धि दर्ज की है। देश में कुल 10 करोड़ (10,01,13,085)टेस्ट कराने का लक्ष्य आज पार कर लिया गया। देश में 2000 के करीब प्रयोगशालाएं खोले जाने के बाद कोविड-19 की टेस्ट कराने की क्षमता में भारी सुधार हुआ है। इसके अलावा केन्द्र और राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों के समन्वित प्रयासों से यह संभव हो सका है। अब प्रतिदिन 15 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच का काम किया जा सकता है।
देश के सभी हिस्सों में टेस्ट कराने की सुविधाओं के विस्तार से कराए जा रहे टेस्ट की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। देश में कुल 1989 जांच प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें से 1122 सरकारी प्रयोगशालाएं और 867 निजी प्रयोगशालाएं हैं। इनसे सतत आधार पर प्रतिदिन टेस्ट कराने की क्षमता में भारी सुधार आया है और देश में पॉजिटिव मामलों की दर में पर्याप्त गिरावट आई है। इससे यह संकेत मिलता है कि संक्रमण के प्रसार की दर पर प्रभावी तौर से लगाम लगाई जा सकी है। कुल टेस्ट की संख्या के 10 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाने से समन्वित दर में गिरावट आ रही है। आज पॉजिटिव मामलों की राष्ट्रीय दर 7.75 प्रतिशत हो गई है।
यह, केन्द्र सरकार की सफल टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटिंग और टेक्नोलॉजी की रणनीति का और राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा इसे प्रभावी तौर पर लागू किए जाने का नतीजा है। विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर की जा रही टेस्टिंग से पॉजिटिव मामलों की तत्काल पहचान करने में सफलता मिली है। इसके अलावा, प्रभावी निगरानी और ट्रेसिंग के जरिए मामलों की जल्द शिनाख्त और अस्पतालों और घरों एवं चिकित्सा केन्द्रों में गंभीर मामलों का समय पर तथा प्रभावी उपचार किया जा सका है। इससे मृत्यु-दर में धीरे-धीरे गिरावट आने लगी है।
15 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने राष्ट्रीय आंकड़े में पॉजिटिव मामलों की उच्च दर दर्शाई है जिससे संकेत मिला है कि इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर समन्वित टेस्ट कराए जाने की जरूरत है।.