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वैक्सीन डोज पाने के लिए भारत अपनी विनिर्माण क्षमता का उठा रहा लाभ

वैक्सीन डोज पाने के लिए भारत अपनी विनिर्माण क्षमता का उठा रहा लाभ

<p id="content">कोविड-19 वैक्सीन की 60 करोड़ खुराकों के प्री-ऑर्डर के लिए भारत ने अपनी विनिर्माण क्षमता का लाभ उठाया है। साथ ही 1 अरब और खुराकों के लिए बातचीत चल रही है। यह बात एडवांस मार्केट कमिटमेंट (एएमसी) के वैश्विक विश्लेषण में कही गई है। यदि इन वैक्सीन को उस समय के दौरान उपयोग करने की मंजूरी मिल जाती है, तो 130 करोड़ की आबादी वाले देश की 50 फीसदी लोगों के लिए इतनी खुराक पर्याप्त होंगी, क्योंकि अभी ज्यादातर कोरोना वैक्सीन उम्मीदवारों के लिए कहा जा रहा है कि हर व्यक्ति को इनकी दो खुराक की जरूरत होगी।

अमेरिका की ड्यूक ग्लोबल हेल्थ इनोवेशन सेंटर द्वारा किए गए विश्लेषण में कहा गया है कि कोवैक्स और अन्य अलायंस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए टीकों का समान आवंटन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण हैं।

मौजूदा मॉडलों के मुताबिक 2024 तक दुनिया की पूरी आबादी को देने के लिए पर्याप्त टीके नहीं होंगे, ऐसे में कम आय वाले देशों को वैक्सीन पाने में मुश्किल होगी। हालांकि, विश्लेषण से पता चला है कि भारत ने संभावित कोविड-19 वैक्सीन की जितनी खुराकों का ऑर्डर दिया है, वह अमेरिका से कम है। क्योंकि उसके 81 करोड़ डोज के लिए सौदे कर लिए हैं और 1.6 अरब खुराकों के लिए बातचीत कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत सहित कई मध्यम आय वाले देशों में भी वैक्सीन विकसित करने का काम तेजी से चल रहा है।" कुल मिलाकर, विश्लेषण से पता चलता है कि भले ही कोई भी वैक्सीन उम्मीदवार बाजार में उतारने के लिए अप्रूव नहीं हुआ है, लेकिन उनकी खरीदी के लिए 3.8 अरब खुराकों के ऑर्डर हो चुके हैं और अन्य 5 अरब खुराकों के लिए बातचीत चल रही है।</p>.