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Covid-19: जापान में कोरोना मरीज का लंग्स ट्रांसप्लांट! बेटे और पति ने दिया अपना फेफड़ा और बच गई महिला की जान

Living Lung Transplant Covid19 Treatment

'covid19 के इलाज में जापान ने क्रांतिकारी खोज की है। कोरोना पीड़ित महिला के जीवित रहने की आस नहीं बची थी, तभी डॉक्टरों के परामर्श पर

महिला के पति और बेटे ने अपने फेफड़ों का कुछ हिस्सा दान देकर ट्रांसप्लांट की गुजारिश की।

डॉक्टरों ने बेटे और पति के फेफड़ों के हिस्से को महिला में ट्रांसप्लांट कर दिया। महिला की जान बच गई। वो बहुत तेजी से स्वस्थ्य हो रही है।'

कोरोना महामारी से दुनिया त्राहि-त्राहि कर रही है। इसी बीच जापान में कोरोना से लगभग मौत के मुंह में जा चुकी एक महिला को उसके बेटे ने अपना दाहिना फेफड़ा और पति ने बायां फेफड़ा दान कर उसकी जान बचा ली। जापान के क्योटो यूनिवर्सिटी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि जीवित व्यक्ति के फेफड़ों को कोविड मरीज में ट्रांस्पलांट का यह पहला सफल ऑप्रेशन है और यह चिकिस्ता विज्ञान की अभूतपूर्व उपलब्धि है। इस ऑप्रेशन के बाद डोनर्स और रेसिपिएंट दोनों अच्छी हालत में हैं।

जापान के चिकित्सा विज्ञानियों ने कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज का एक और अचूक इलाज ढूंढ निकाला है। जापानी चिकित्सकों ने दावा किया है कि कोविड से पीड़ित मरीज के फेफड़ों के कुछ हिस्से को बदल कर उसकी जान बचाई जा सकती है। जापान के चिकित्साविज्ञानियों की खोज से कोरोना का इलाज ढूंढ रहे वैज्ञानिकों में खुशी और उत्साह की लहर दौड़ गई है।

जापान में डॉक्टरों ने  घोषणा की कि उन्होंने जीवित डोनर के लंग का हिस्सा लेकर से कोविड​​-19 से पीड़ित मरीज के खराब होचुके फेफड़े से रिप्लेस कर दिया। इस ऑप्रेशन के बाद कोविड-19 से पीड़ित मरीज एकदम ठीक है और डोनर भी स्वस्थ है। किसी स्वस्थ्य व्यक्ति के फेफड़ों के ऊतकों का कोविड-19 पीड़ित मरीज के फेफड़े के ऊतकों का ट्रांसप्लांट दुनिया का पहला सफल ट्रांसप्लांट है।

क्योटो विश्वविद्यालय अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि इस ट्रांसप्लांट में 11 घण्टे का समय लगा। क्योटो अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि जिसको ट्रांस्पलांट किया गया है वो एक महिला है। इस महिला मरीज को उसके पति और बेटे के फेफड़ो से ऊतक लेकर ट्रांस्पलांट किया गया है।

क्योटो अस्पताल के चिकित्साविज्ञानियों ने कहा कि दुनिया में अभी तक मृतक के दान दिए हुए अंगों का ट्रांस्पलांट होता रहा है लेकिन जीवित व्यक्ति के टिश्यू ट्रांसप्लांट का यह पहला सफल प्रत्यारोपण हैं। इस मामले में महिला मरीज के पति और बेटे ने स्वेच्छा से अपने फेफड़ों के कुछ हिस्सों को दान करने के लिए कहा।

इसके बाद क्योटो विश्वविद्यालय अस्पताल के डॉ. डेट की अध्यक्षता में 30 सदस्यीय टीम ने सर्जरी की गई। उसके पति ने अपने बाएं फेफड़े का हिस्सा दान कर दिया, और बेटे ने अपने दाहिने फेफड़े का हिस्सा दिया। क्योटोविश्वविद्यालय ने कहा कि उसे लगभग दो महीने में अस्पताल छोड़ने और लगभग तीन महीने में अपने सामान्य जीवन में लौटने में सक्षम होने की उम्मीद है।