अमेरिकी की दवा कंपनी मॉडर्ना ने दावा किया है कि इसकी कोविड-19 वैक्सीन 12 से 17 साल के युवा लोगों पर 96 फीसदी तक प्रभावी है। अपने पहले क्लीनिकल ट्रायल के नतीजों हवाला देते हुए कंपनी ने जानकारी दी। अमेरिका में हुए इस ट्रायल में 3,235 लोग शामिल थे, इसमें से दो-तिहाई लोगों को वैक्सीन दी गई, जबकि एक-तिहाई लोगों को गोलियां दी गई। यह पहली वैक्सीन है जो अब तक 18 से कम के उम्र के लोगों को लग सकती है क्योंकि अब तक जितनी वैक्सीन बनी हैं वे 18 से ऊपर तक के लोगों के लिए ही है।
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मॉडर्ना ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन 96 फीसदी तक प्रभावी है। इस दौरान mRNA-1273 ने आमतौर पर सभी जीजें काबू में रखीं और अभी तक कोई भी गंभीर सुरक्षा चिंता देखने को नहीं मिली है। इस ट्रायल में पहली डोज देने के बाद 14 दिनों के भीतर कोरोना वायरस के 12 मामले देखने को मिले। इन नतीजों के बाद ट्रायल में शामिल लोगों को दूसरी इंजेक्शन देने के बाद औसतम 35 दिनों तक निगरानी में रखा गया।
वैक्सीन लगने के बाद दिखा ये दुष्प्रभाव
अमेरिकी दवा कंपनी ने कहा कि वैक्सीन लगने के बाद किसी भी तरह का दुष्प्रभाव हल्या या मध्यम था। इशमें सबसे सामान्य इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द होना रहा। वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद सर में दर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द औऱ सिहरन जैसे दुष्प्रभाल देखने को मिले। ये दुष्प्रभाल बिस्कुल सही प्रकार के थे, जो व्यस्कों को वैक्सीन लगाने के बाद देखने को मिले। मॉडर्ना ने कहा कि अभी तक किसी भी गंभीर सुरक्षा चिंताओं की पहचान नहीं की गई है।
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दवा कंपनी ने कहा कि वर्तामन में रेगुलेटर्स से वैक्सीन की नियामक फाइलिंग को लेकर किए जाने वाले एक संभावित संशोधन को लेकर चर्चा कर रही है, ताकि इस वैक्सीन को इस एक ग्रुप के लिए अनुमति मिल सके। फिलहाल मॉडर्ना वैक्सीन को कई देशो में 18 साल और उससे ऊपर के उम्र के लोगों को लगाने के लिए मंजूरी दी गई है। अमेरिका और यूरोप में फाइजर और बायोएनटेक ने पहले ही 12-15 साल के बच्चों के लिए अपने वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर मंजूरी देने के लिए आवेदन किया हुआ है।