वैक्सीन मैत्री अभियान के तहत 12 लाख टीके मिलने के बाद नेपाल ने भारत से 20 लाख और वैक्सीन खरीदने का फैसला किया है। नेपाली मीडिया को नेपाल के स्वास्थ्य मंत्री ह्रद्येश त्रिपाठी ने कहा कि ओली केबिनेट 20 लाख कोरोना वैक्सीन के एडवांस पेमेंट की मंजूरी भी देदी है। ध्यान रहे कि भारत नेपाल को ये 20 लाख वैक्सीन भी सब्सिडाइज्ड रेट पर दी जाएंगी। वहीं इमरान खान का नया पाकिस्तान है। वहां कंगाली और बदहाली का यह आलम है कि 22करोड़ की आबादी पर अभी तक चीन से 5 लाख वैक्सीन ही मिली हैं। वो भी दोयम दर्जे वाली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कभी डब्लूएचओ के आगे गिड़गिड़ा रहे हैं तो कभी आईएमएफ से कर्ज के लिए मानवता का वास्ता दे रहे हैं। पाकिस्तान के पीएम चाहते हैं कि उन्हें कहीं से या तो बिना ब्याज वाला कर्ज मिल जाए या फिऱ कोई कोरोना वैक्सीन ही खैरात में देदे।
नेपाली मीडिया के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी ने बताया कि 'ओली कैबिनेट ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 20लाख डोज और खरीदने का फैसला किया है और इसके लिए 80फीसदी राशि का तुरंत भुगतान किया जाएगा।'' उन्होंने बताया कि नेपाल को एक डोज की कीमत 4डॉलर पड़ी है, यानी पाकिस्तानी करेंसी के हिसाब से 464रुपए। 20लाख डोज की कीमत 93.6करोड़ रुपए होगी और नेपाल 74.8करोड़ डाउन पेमेंट करेगा।
भारत की मदद से नेपाल में कोरोना टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है और सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जा रहा है। नेपाल की कुल आबादी करीब 3करोड़ है और 14साल से कम के बच्चों को अलग कर दिया जाए तो 72फीसदी आबादी का टीकाकरण करना है। नेपाल को 20फीसदी आबादी के लिए कोवाक्स पहल के तहत मुफ्त टीके मिलेंगे।
दूसरी तरफ 22 करोड़ से अधिक की आबादी मुल्क पाकिस्तान को अब तक चीन से 5 लाख कोरोना टीके ही मिल सके हैं। भारत से अब तक कोरोना टीके मांगने की हिम्मत नहीं जुटा सकी इमरान सरकार ने भारत में बन रहे कोविशील्ड को मंजूरी जरूर दे चुकी है, ताकि कोवाक्स प्रोग्राम के तहत उसे टीके मिल सकें। इमरान खान सरकार अब तक अपनी जनता के लिए कोरोना का एक भी डोज नहीं खरीद पाई है।