ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के बाद भारत ने 31 दिसंबर तक वहां से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है। मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात ब्रिटेन से आई एक उड़ान में एक यात्री को नए स्ट्रेन का कोरोना संक्रमित पाया गया। इसके बाद उसे फौरन दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अस्पताल के डॉयरेक्टर डॉ सुरेश कुमार के अनुसार, एक मरीज यहां आया है, जिसे<a href="https://hindi.indianarrative.com/world/research-on-covid-19-variant-found-in-uk-begins-in-new-york-lab-22170.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer"> नए वायरस का संदिग्ध</a> माना जा रहा है। हम इस मरीज की जांच कर रहे हैं। फिलहाल कई तरह के परीक्षण किए जा रहे हैं। परीक्षण नतीजों के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि यह कोरोना का पुराना स्ट्रेन है या नया स्ट्रेन। उन्होंने कहा कि फिलहाल मरीज स्वस्थ नजर आ रहा है और वह एसिम्पटोमैटिक है।
<h3>वायरस के नये स्ट्रेन से दुनिया भर में अलर्ट</h3>
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के इस नए स्ट्रेन के बारे में हाल ही में पता चला है।ब्रिटेन में कई मरीजों में यह नया स्ट्रेन देखने को मिला है। पूरी दुनिया इसे लेकर गंभीर हो गई है और दुनियाभर के कई देशों ने अलर्ट जारी करना शुरू कर दिया है।
बताया गया है कि इस नए वायरस का क्लीनिकल स्पेक्ट्रम एक ही है। यह ज्यादा घातक नहीं है और पहले वाले स्ट्रेन के मुकाबले ज्यादा खतरनाक भी नहीं है। हालांकि, यह वायरस 70 फीसदी तेजी से फैलता है। इसकी चपेट में आने वाले ज्यादातर लोग युवा हैं।
ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए रूप के चलते भारत सरकार सतर्क हो गई है। सरकार ने आदेश दिया है कि ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों का भारत आगमन पर कोरोना जांच की जाएगी। वहीं, जो भी यात्री संक्रमित पाया जाएगा, उसके लिए अलग से आइसोलेशन की व्यवस्था की जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्रिटेन में सामने आए वायरस को देखते हुए 'मानक संचालन प्रक्रिया' (एसओपी) जारी की है। बताया गया है कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस का म्यूटेशन वायरस में 17 बदलावों के साथ हुआ है। इस वायरस की चपेट में आने वाले ज्यादातर युवा लोग हैं। यह वायरस ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। ऐसे में 25 नवंबर से लेकर अब तक जितने भी लोग ब्रिटेन से भारत आए हैं, उनके लिए एसओपी जारी किया गया है।
इसके मुताबिक, ब्रिटेन से आने वाले यात्री के कोरोना संक्रमित होने पर इन्हें राज्य सरकार के आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा। नमूनों को जांच के लिए एनआईवी पुणे भेजा जाएगा। अगर संक्रमित व्यक्ति में साधारण कोरोना वायरस पाया जाता है, तो उसे होम आइसोलेशन में भी रखा जा सकता है।.