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UK में कोरोना की तीसरी लहर, वैक्सीनेशन के बाद भी बढा संक्रमण, भारत के लिए खतरे की घंटी

Corona Update

कोरोना की तीसरी लहर आना तय है ये सारे एक्सपर्ट कह रहे हैं। कई देशों में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दिया है। यूके में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। ये बढ़ोतरी B.1.617.2 वैरिएंट की वजह से हो रही है। जानकारों का कहना है कि इस वैरिएंट से खतरा पैदा हो सकता है। सबसे डरावनी बात यह है कि यूके में कोरोना का टीका अच्छी आबादी को लग चुकी है फिर भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। यूके में अब तक 3.8 करोड़ लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, जो वहां की युवा आबादी का 70% और कुल आबादी का 58% है। वहीं, 2.4 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं।

ऐसे में दो सवाल खड़े होते हैं। पहला तो ये कि क्या वैक्सीनेशन भी कोरोना को रोकने में नाकाम है? और दूसरा ये कि क्या वैक्सीनेशन पिछली लहरों की तुलना में इस लहर को अलग बना सकता है? यूके के अस्पतालों में कोरोना मरीजों के भर्ती होने की संख्या बढ़ने लगी है। वहां B.1.617.2 वैरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है। पूरे यूके में पिछले एक हफ्ते में अस्पतालों में भर्ती होने वाली मरीजों की संख्या 20% बढ़ गई है। नॉर्थ-वेस्ट में ये आंकड़ा 25% है और स्कॉटलैंड के कई इलाकों में इससे भी ज्यादा। स्कॉटलैंड के एनएचएस अस्पताल के डॉक्टर अविरल वत्स का कहना है कि लॉकडाउन खुलने की वजह से केस बढ़ने की आशंका पहले से ही थी।

वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ। राजीव जयदेवन कहते हैं, "यूके में  B.1.617.2 वैरिएंट से संक्रमित होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। करीब 6 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जहां तक तीसरी लहर की आशंका की बात है तो ब्रिटेन इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित है कि क्या उनका वैक्सीनेशन नए वैरिएंट को मात दे सकता है। ये हमेशा वैक्सीन और वैरिएंट के बीच के दौड़ होती है।" डॉ। जयदेवन आगे कहते हैं, "जो लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, उनमें से करीब तीन चौथाई को वैक्सीन नहीं लगी है और अभी तक का डेटा बताता है कि अगर आप वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं तो इस वैरिएंट ( B.1.617.2) से आपको 80% तक सुरक्षा मिलती है।" 

अगर हम यूके का ट्रेंड देखें तो वहां अब युवा आबादी में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। भारत में एक्सपर्ट चिंता जता चुके हैं कि तीसरी लहर में संक्रमण युवाओं को ज्यादा संक्रमित कर सकता है। भारत के लिए चिंता की बात वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार है।