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कुत्ते-बिल्ली पालने वालों हो जाओ होशियार, कोरोना जैसे 8.5 लाख वायरस इंसानों का शिकार करने के लिए घात लगाए बैठे हैं !

कुत्ते-बिल्ली पालने वालों होशियार!

कुत्ते-बिल्ली पालने के शौकीनों के लिए बुरी खबर है। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च के हवाले से कहा गया है कि आने वाले समय में जूनाटिक डिसीज यानी पशुओं से इंसानों में रोग फैलने की आशंका है। ये बीमारियां कोविड से भी ज्यादा भयंकर हो सकती हैं। इन बीमारियों से हर साल 1 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो सकता है। रिसर्च में कहा गया है कि यह बुरा समय 2050 के बाद आएगा। अगर 2050 के बाद आने वाली महामारी को रोकना है तो अभी से कदम उठाने पड़ेंगे।

इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो दशकों से जूनाटिक बीमारियों का प्रकोप बढ़ा है। वर्ष 2000से हर तीसरे साल एक गंभीर महामारी सामने आ रही है। ये बीमारियां जानवरों से इंसानों में पहुंच रही हैं। तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण और घरों में कुत्ते-बिल्ली पालने का शौक जानवरों में पहले से मौजूद वायरस, पैथोजन या बैक्टीरिया इंसानों में तेजी से घर बना लेंगे। फिर हर बार हर साल एक नई बीमारी सामने उसी तरह आएगी जैसे कोविड19 का नया रूप हर छह महीने में अपना रूप बदल कर हमला कर रहा है। उस समय होने वाली बीमारियों का प्रकोप कोविड19 से कई गुना भयानक होगा।

ऐसा अनुमान है कि इस समय 8.5 लाख वायरस एवं पैथोजन सक्रिय होने का अनुमान है जिनमें करीब 20हजार विभिन्न किस्म के कोरोना वायरस हैं। इनमें से कई वायरस पशुओं के जरिये इंसानों में आ सकते हैं। इसका खतरा पहले की तुलना में बढ़ रहा है। इसके कई कारण हैं।

रिसर्च में सुझाव दिया गया है कि इंसानों को महामारी की शक्ल में आने को तैयार बैठी विपत्तियों को रोकना है तो इंसानों के साथ-साथ जानवरों के स्वास्थ्य की देख-रेख करनी पड़ेगी। इंसानी स्वास्थ्य पर शोध करने वालों को पशु चिकित्सा विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं के साथ मिलकर काम करना होगा। इंसानों के स्वास्थ्य के साथ ही जानवरों के स्वास्थ्य को ठीक रखना होगा।