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हरियाणा के मंत्री वीज के कोरोना संक्रमण को लेकर कोवैक्सीन पर सवाल उठाना गलत

हरियाणा के मंत्री वीज के कोरोना संक्रमण को लेकर कोवैक्सीन पर सवाल उठाना गलत

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर आग की तरह फैल गई है। कोवैक्सीन का एक टीका लगने के बाद कोरोना संक्रमण होने पर कई सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं। यह देश का पहला मामला है जिसमें वैक्सीन का टीका लगने के बाद भी कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ है। अनिल विज ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि वह जांच में कोरोना वायरस पॉजिटिव निकले हैं और अंबाला छावनी के सिविल हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इस पर केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, वीज को वैक्सीन की एक डोज ही दी गई थी।

इस मामले में भारत बायोटेक ने सफाई पेश की है। भारत बायोटेक ने बयान जारी कर कहा कि यह वैक्सीन दो बार दी जाती है। इसके दो डोज 28 दिन में देने होते हैं। दूसरी डोज 14 दिन बाद दी जानी है, जिसके बाद ही इसकी एफिकेसी यानी असर का पता चलता है। वहीं, अनिल वीज को वैक्सीन की पहली डोज 20 नवंबर को दी गई थी और वे कोवैक्सीन के तीसरे ट्रायल में शामिल होने वाले पहले वॉलंटियर थे।

कंपनी ने कहा, कोवैक्सीन को इस तरह बनाया गया है कि दो डोज लेने के बाद ही यह असर दिखाएगी। शनिवार को जारी एक बयान में भारत बायोटेक ने कहा कि फेस तीन के ट्रायल में 50 फीसद लोगों को वैक्सीन दी जाती है और 50 फीसद लोगों को प्लेसिबो यानी नकली इंजेक्शन दिया जाता है। कोवैक्सीन पूरी तरह स्वदेशी वैक्सीन है, जिसका फेस तीन का ट्रायल 25 स्थानों पर किया जा रहा है। इस ट्रायल में 26,000 से ज्यादा लोग शामिल हैं। इसका उद्देश्य वैक्सीन के असर का पता लगाना है।.