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भारत के लिए गेमचेंजर बनेगी ये तीन वैक्सीन, 18+ को पहले दिन से लगेगी ‘रूसी टीका’, जानिए इस वैक्सीन के बारे में सबकुछ

corona vaccine

भारत में कोरोना की दूसरी लहर तबाही मचाए हुई है। हर दिन हजारों लोग कोरोना के कारण मर रहे हैं। इस बीच 1 मई से देश में वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू होने जा रहा है। इस चरण में 18 से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया जाएगा। इसके पहले सिर्फ 45 + यानी की 45 वर्ष के अधिक आयु वाले लोगों को वैक्सीन दिया जा रहा था। हालांकि अब 18+ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। भारत में इस वक्त दो तरह की वैक्सीन दी जा रही है। कोविशिल्ड और कोवैक्सीन। पर अब खबरें आ रही हैं कि रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V भी 1 मई से लोगों को दिया जाएगा।

कितनी खास है स्पुतनिक V?

मॉस्को के गामालेया इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर इस वैक्सीन को डेवलप करने वाले रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के प्रमुख किरिल दिमित्रेव के हवाले से रॉयटर्स ने बताया कि स्पुतनिक V का पहला बैच भारत में 1 मई को उपलब्ध हो जाएगा। दिमित्रेव ने दावा किया कि स्पुतनिक V के पहले बैच से पूरे देश में 18+ के टीकाकरण में मदद मिलेगी। इससे पहले 13 अप्रैल को भारत ने अन्य देशों में पहले से उपलब्ध वैक्सीनों को इमरजेंसी अप्रूवल दिया था।

मॉडर्ना और फाइजर की MRNA वैक्सीन ही 90% से अधिक इफेक्टिव साबित हुई हैं। इसके बाद स्पुतनिक V ही सबसे अधिक 91.6% इफेक्टिव रही है। इसे रूस के गामालेया इंस्टीट्यूट ने रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) की फंडिंग से बनाया है। स्पुतनिक V को अब तक दुनिया के 60 देशों में अप्रूवल मिल चुका है। सबसे पहले अगस्त 2020 में रूस ने इसे मंजूरी दी थी। इसके बाद बेलारूस, सर्बिया, अर्जेंटीना, बोलिविया, अल्जीरिया, फिलिस्तीन, वेनेजुएला, पैराग्वे, यूएई, तुर्कमेनिस्तान में भी इसे अप्रूवल दिया। है। यूरोपीय यूनियन के ड्रग रेगुलेटर से भी इसे जल्द ही अप्रूवल मिल सकता है।

यह वैक्सीन गंभीर लक्षणों या मौत रोकने में 100% इफेक्टिव है। यह बहुत महत्वपूर्ण पैरामीटर है क्योंकि यह लोगों की जान बचा सकती है। सिंगल डोज भी बीमारी के खिलाफ 87.6% तक प्रोटेक्शन देता है। लैंसेट में छपी रिव्यू रिपोर्ट कहती है कि स्पुतनिक V वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ मजबूत एंटीबॉडी बनाती है। जो वायरस को जल्द से जल्द खत्म करते हैं। यह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 92% तक सुरक्षा प्रदान करती है।

भारत में इस समय दो ही वैक्सीन उपलब्ध हैं। उनमें कोवैक्सिन का एफिकेसी रेट 81% है, जबकि कोवीशील्ड का कुछ शर्तों के साथ 80% तक। ऐसे में 91.6% इफेक्टिवनेस के साथ रूसी वैक्सीन सबसे ज्यादा इफेक्टिव वैक्सीन हो जाएगी।  देश में 16 जनवरी को टीकाकरण शुरू हुआ था और इसके लिए इसी साल की शुरुआत में कोवीशील्ड और कोवैक्सिन को मंजूर किया गया था। कोवीशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर बनाया है। भारत में पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) इसका प्रोडक्शन कर रहा है। वहीं, कोवैक्सिन को भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) के साथ मिलकर बनाया है।

अब 1 मई से तीन वैक्सीन भारत में उपलब्ध होंगे। कोरोना को हराने के लिए ये तीनों वैक्सीन गेमचेंजर साबित हो सकती हैं। देश में जिस तरह से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें वैक्सीनेशन में तेजी लाना चाहती है। भारत में फिलहाल कुल आबादी का 10 प्रतिशत लोगों को ही वैक्सीन लगा है। एक्सपर्ट का कहना है कि हर्ड इम्युनिटी के लिए कम से कम 50 से 60 फीसदी जनसंख्या को वैक्सीन देना होगा।