देश को अब कोरोना माहामारी से लड़ने के लिए एक और टीका मिल गया है। भारत में रूसी वैक्सीन Sputnik-V को मंजूरी मिल गई है। देसी वैक्सीन Covaxin और सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्च पर तैयार की गई Covishield के बाद देश में मंजूरी पाने वाली यह तीसरी वैक्सीन हो गई है।
इस रूसी वैक्सीन को रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RIDF) की मदद से गामेलिया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने तैयार किया है। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच इस वैक्सीन को लेकर राहत भरी खबर ये है कि देश में इसकी 850 मिलियन डोज तैयार की जाएगी।
वैक्सीन का असर
रुसी वैक्सीन के फेज 3 ट्रायल के अंतरिम नतीजों में इसकी एफेकसी 91.6% पाई गई है। रूस ने भी इसके 92 फीसदी सफल होने का दावा किया था। इंडिया में Covaxin और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की Covishield वैक्सीन लगाई जा रही है। तीसरे चरण के ट्रायल में दोनों की एफेकेसी क्रमश: 81 फीसदी और 62 फीसदी दर्ज की गई थी। हालांकि बाद में डोज के मुताबिक एफेकसी बढ़ गई।
वैक्सीन की स्टोरेज और डोज कितनी अलग?
गामेलया इंस्टिट्यूट ने Sputnik V विकसित किया है। इस इंस्टिट्यूट के मुताबक वैक्सीन का खास बात यह है कि इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच स्टोर किया जा सकता है। वहीं, कोविशील्ड और कोवैक्सिन को स्टोर करना भी आसान और सुविधाजनक है। कोवैक्सिन को भी 2 से 8 डिग्री पर स्टोर किया जा सकता है। और कोविशील्ड के लिए भी शून्य से कम तापमान जरूरी नहीं है।
डोज की बात करें तो अबतक आई जानकारी के अनुसार, स्पुतनिक वी वैक्सीन की 2 डोज जरूरी होगी। वहीं, देश में 4-8 हफ्तों के अंतराल पर Covishield की दो डोज दी जा रही है, जबकि Covaxin की दो डोज भी 4-6 हफ्तों के अंतराल पर दी जा रही है।
कितनी होगी किमत
भारत में रूसी वैक्सीन Sputnik V की कीमत क्या होगी इसको लेकर अभी कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। लेकिन विदेशों में इसकी कीमत 10 डॉलर प्रति डोस से कम है। हालांकि, माना जा रहा है कि एक बार भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन शुरू हो जाए तो यह कीमतें काफी हद तक कम हो जाएंगी।