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Unite 2 Fight Corona: सीरम इंंस्टीटयूट ने कर दिया Corona Vaccine की कीमतों में भारी कमी का ऐलान, अब इतने रुपये में राज्यों को मिलेगी वैक्सीन

वैक्सीन की कीमतों में भारी कमी

कोरोना की वैक्सीन की कीमतों को लेकर मचे बवाल के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने वैक्सीन की कीमत में कटौती की है। एसआईआई की कोविशील्ड के दाम राज्य सरकारों के लिए 100रुपये कम कर दिए गए हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के लिए अलग-अलग कीमत होने की वजह से विपक्ष लगातार निशाना साध रहा था। सीरम ने हाल ही में राज्य सरकारों को 400रुपये में कोविशील्ड की प्रति डोज उपलब्ध कराने की जानकारी दी थी, जिसे अब घटाकर 300रुपये प्रति डोज कर दिया गया है।

दाम में कमी किए जाने की जानकारी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मालिक और सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट कर दी। उन्होंने कहा, ''सीरम की तरफ से एक परोपकारी कदम उठाते हुए, मैं तुरंत ही राज्यों को वैक्सीन की कीमत को 400रुपये से घटाकर 300रुपये करता हूं। इससे राज्य सरकारों के फंड से करोड़ों रुपये बचेंगे। इससे और अधिक वैक्सीनेशन किया जा सकेगा और लोगों की जान बचाई जा सकेगी।''

कोरोना के खिलाफ जंग में डीसीजीआई ने जनवरी में दो वैक्सीन्स को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी। इसमें एक सीरम की कोविशील्ड है और दूसरी भारत बायोटेक की देसी कोवैक्सीन है। शुरुआती समय में केंद्र सरकार को सीरम ने एक डोज 250रुपये की उपलब्ध करवाई, जिसके बाद इसकी कीमत घटाकर 150रुपये कर दी गई। वहीं, जब एक मई से 18साल से अधिक उम्र वाले लोगों के टीकाकरण का ऐलान किया गया, तब सीरम और भारत बायोटेक ने नए दाम घोषित किए। सीरम अब 300रुपये में राज्य सरकारों और 600रुपये में प्राइवेट अस्पतालों को टीका देगा। भारत बायोटेक कोवैक्सीन की एक डोज 600रुपये में राज्य सरकारों को देगा, जबकि प्राइवेट अस्पतालों के लिए यह कीमत 1200रुपये तय की गई है।

अगले फेज के टीकाकरण के लिए बुधवार शाम चार बजे से रजिस्ट्रेशन की भी शुरुआत हो गई है। कोविन और आरोग्य सेतु के जरिए से 18 साल से 44 साल तक के लोग रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। हालांकि, शुरुआती समय में कोविन के सर्वर पर कुछ दिक्कतें देगी गईं, लेकिन बाद में वेबसाइट ने ठीक तरीके से काम करना शुरू कर दिया। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों ने अगले फेज के लिए फ्री में वैक्सीनेशन करने का ऐलान किया है। राजस्थान में लोगों को टीका लगाए जाने के लिए तकरीबन तीन हजार करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना जताई गई हे।