उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को सात दिनों के अनिवार्य इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन से छूट दे दी है। इसके साथ ही अन्य राज्यों से काम के लिए आने वाले भारतीय यात्रियों को भी कोविड-19 प्रोटोकॉल में छूट दी है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, अमित मोहन प्रसाद के अनुसार, "पहले विदेश से एक सप्ताह से अधिक के लिए राज्य में आने वाले यात्रियों को 14 दिनों के लिए क्वारंटीन होना पड़ता था। इसमें 7 दिन अनिवार्य इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन के थे और 7 दिन होम क्वारंटीन में रहना होता था। लेकिन अब संशोधित प्रोटोकॉल के तहत गर्भवती महिलाएं, परिवार में किसी की मृत्यु होने पर राज्य में आने वाले लोग, गंभीर चिकित्सा स्थितियों से पीड़ित लोग और ऐसे माता-पिता जिनके बच्चे 10 साल से कम उम्र के हैं, वे पूरे 14 दिन होम क्वारंटीन में रह सकते हैं।"
प्रसाद ने कहा कि यात्री अपने आगमन पर आरटी-पीसीआर परीक्षण के निगेटिव आने की रिपोर्ट जमा करके इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन से छूट ले सकते हैं लेकिन "यह परीक्षण यात्रा से 96 घंटे पहले का होना चाहिए"।
उन्होंने आगे कहा, "रिपोर्ट को पोर्टल पर अपलोड किया जाना चाहिए और यात्री को रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर एक घोषणापत्र भी देना होगा कि गड़बड़ी होने पर वह दंड का भागी होगा। यात्री भारत आने पर अपना टेस्ट कराके अपनी रिपोर्ट सबमिट करा सकते हैं।"
प्रसाद ने कहा, "ऐसे लोग जिनमें लक्षण हैं, उन्हें तुरंत अलग कर दिया जाएगा और उनका परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा क्वारंटीन में रह रहे लोगों को कोई भी लक्षण होने पर तत्काल जिला सीएमओ को सूचित करना होगा।"
वहीं घरेलू यात्रियों को पहले अंतर-राज्यीय यात्रा के बाद उत्तर प्रदेश आने पर होम क्वारंटीन में रहना पड़ता था लेकिन अब बिना लक्षण वाले लोगों को होम क्वारंटीन में रहने की जरूरत नहीं होगी।
उन्होंने कहा, "लेकिन जिन लोगों में लक्षण पाए जाते हैं उन्हें घर में आइसोलेट रहना होगा और टेस्ट भी कराना होगा। परीक्षण पॉजिटिव आने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।".