देश में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। बढ़ते कोरोना के मा्मलों को देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें सतर्क नजर आ रही है। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की। पीएम ने कहा हमें कोरोना को रोकना होगा नहीं तो यह बेकाबू हो सकता है। इस दौरान पीएम मोदी ने टैस्टिंग, ट्रैकिंग और आइसोलोशन के फॉर्मूले को कड़ाई से लागू करने को कहा। उन्होंने कहा कि हर संक्रमित व्यक्ति के कॉन्टैक्ट को कम से कम समय में ट्रैक करना और आरटी-पीसीआर टेस्ट रेट 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत अहम है।
अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगे कि ये आरटी पीसीआर टेस्ट क्या है और ये होता कैसे है? आरटी पीसीआर टेस्ट यानी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन टेस्ट। इस टेस्ट के जरिए व्यक्ति के शरीर में वायरस का पता लगाया जाता है। इसमें वायरस के आरएनए की जांच की जाती है। जांच के दौरान शरीर के कई हिस्सों से सैंपल लेने की जरूरत पड़ती है। ज्यादातर नाक और गले से की म्यूकोजा के अंदर वाली परत से स्वैब लिया जाता है।
आरटी पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने में सामान्यतः 6 से 8 घंटे का समय लग सकता है। कई बार इससे ज्यादा समय भी लग सकता है। आरटी पीसीआर टेस्ट आपके शरीर में वायरस की मौजूदगी का पता लगाने में सक्षम है। यही वजह है कि कुछ लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण सामने न आने के बावजूद भी ये टेस्ट पॉजिटिव आता है। आगे चलकर वायरस के कोई लक्षण सामने आएंगे या नहीं, या फिर वायरस कितना गंभीर रूप ले सकता है, इसके बारे में आरटी पीसीआर टेस्ट के जरिए पता नहीं चल पाता।
वैसे तो इस टेस्ट के लिए किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन अगर आप कोई विशेष दवा, काढ़ा या जड़ीबूटी का सेवन कर रहे हैं तो एक बार विशेषज्ञ से परामर्श करने के बाद ही सैंपल दें। ताकि रिपोर्ट पर उन चीजों का असर न हो। टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर व्यक्ति को कुछ दिन के लिए आइसोलेट किया जाता है या अस्पताल में भर्ती भी किया जा सकता है। वहीं नेगेटिव रिपोर्ट का मतलब है कि शरीर में वायरस की मौजूदगी नहीं है।
बात करें बढ़ते कोरोना केस की तो महाराष्ट्र में बीते 24 घंटों में राज्य में संक्रमण के 23,179 नए केस मिले हैं और इससे 84 लोगों की मौत हो गयी है. नागपुर, मुंबई और पुणे में हालत सबसे खराब बताए जा रहे हैं।