देश फिलहाल कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे एक्सपर्ट तीसरी लहर की चेतावनी दे रहे हैं। एक तरफ जहां कोरोना से देश में हाहाकर मचा हुआ है, ऐसे में ये चेतावनी काफी डरावनी है। ऑक्सिजन की कमी से मरीज दम तोड़ रहे। अस्पतालों में रेमडेसिविर जैसी दवाइयां नहीं हैं, मरीजों के परिजनों को इसके लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। गुहार लगानी पड़ रही है। अब तो देश के प्रिंसिपल साइंटिफिक अडवाइजर विजय राघवन ने तीसरी लहर की भी भविष्यवाणी कर दी है। उनके मुताबिक इसे आने से कोई रोक नहीं सकता। वैसे दिल्ली में अभी कोरोना की चौथी लहर चल रही है लेकिन देशभर में दूसरी।
प्रोफेसर विजय राघवन ने बुधवार को कहा कि दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर भी आएगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा, "तीसरी लहर भी आएगी. लेकिन कब और कितनी खतरनाक होगी, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. कोरोनावायरस के वैरिएंट लगातार बदल रहे हैं, इसलिए हमें तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना होगा." उन्होंने ये भी कहा कि वैक्सीन प्रभावी है, लेकिन वैज्ञानिक इसको अपग्रेड करने पर भी काम कर रहे हैं.
तीसरी लहर कब तक आ सकती है? इस बारे में बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विशेषज्ञ डॉ. गिरिधर बाबू कहते हैं, "इसके ठंड में आने की आशंका है. नवंबर के आखिरी में या दिसंबर की शुरुआत में. इसलिए इस संक्रमण से जिन्हें सबसे ज्यादा खतरा है, उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीनेट करने की जरुरत है।
इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के केस हर दिन 2.4% के रेट से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में देश में 3,82,315 मामले दर्ज किए गए हैं। 12 राज्यों में एक लाख से ज्यादा, 7 राज्यों में 50 हजार से एक लाख और 17 राज्यों में 50 हजार से कम एक्टिव केस हैं। 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 15% से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है। 10 राज्यों में यह 5 से 15% और तीन में 5% से कम है।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में ज्यादा मौतों की सूचना मिल रही है। बेंगलुरु में पिछले एक सप्ताह में लगभग 1.49 लाख मामले सामने आए। चेन्नई में यह संख्या 38 हजार रहे। कुछ जिलों ने नए केस तेजी से बढ़े हैं। इनमें कोझीकोड, एर्नाकुलम, गुड़गांव शामिल हैं। 9 राज्यों में 18+ का वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। 18-44 उम्र वाले 6.71 लाख लोगों को टीके लगाए गए हैं। केंद्र सरकार अब तक 16 करोड़ से ज्यादा डोज मुफ्त दे चुकी है।
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