दुनियाभर में कोरोना संक्रमण पिछले डेढ़ साल से कहर बरपा रहा है, कोरोना की आई दो लहरों में अबतक 17 करोड़ 79 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं, वही 38 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वायरस में हो रहे म्टयूटेशन और नए स्ट्रेन लगातार चिंता का विषय बने हुए हैं, हाल ही में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई थी जिसे काफी खतरनाक माना जा रहा है। इस बीच अब WHO ने कोरोना के एक और नए वेरिएंट के बारे में सूचित किया है।
29 देशों में कहर बनकर टूटा लैम्ब्डा वेरिएंट
WHO ने कहा है कि 29 देशों में लैम्ब्डा नामक कोविड -19 के एक नए वेरिएंट की पहचान की गई है और विशेष रूप से दक्षिण अमेरिका में जहां इसकी उत्पत्ति हुई है। WHO ने अपनी वीकली अपडेट में कहा है कि पहली बार पेरू में पहचाने गए लैम्ब्डा वैरिएंट को साउथ अमेरिका में व्यापक उपस्थिति की वजह से 14 जून को ग्लोबल वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के तौर पर वर्गीकृत किया गया था।
यहां बरपा रहा कहर
अधिकारियों का कहना है कि लैम्ब्डा वेरिएंट पेरू में व्यापत है जहां अप्रैल 2021 से अब तक 81 प्रतिशत कोविड -19 मामले इसी से जुड़े हुए मिले हैं। वहीं चिली में पिछले 60 दिनों में सभी सबमिट किए गए सीक्वेंस के 32 प्रतिशत मामलों में इस वेरिएंट की पहचान हुई थी और इसे केवल गामा वेरिएंट द्वारा कमतर आंका गया था। जिसे पहली बार ब्राजील में पहचाना गया था, इसके साथ ही साउथ अमेरिका के अन्य देशों जैसे कि अर्जेंटीना और इक्वाडोर ने भी अपने देश में इस नए कोविड-19 वेरिएंट के फैलने की जानकारी दी है।
देखिए कितना प्रभावी है कोविड-19 के ये वेरिएंट
WHO ने बताया कि लैम्ब्डा वेरिएंट्स में म्यूटेशन होते हैं जो संक्रमण को बढ़ा सकते हैं या एंटीबॉडी के लिए वायरस के प्रतिरोध को और मजबूत कर सकते हैं। हालांकि जिनेवा बेस्ड ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक ये नया वेरिएंट कितना असरदार होगा इसका प्रमाण फिलहाल बहुत सीमित है और लैम्बडा वेरिएंट को बेहतर ढंग से समझने के लिए इस पर ज्यादा से ज्यादा स्टडी किए जाने की जरूरत है।