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भारत को मिला 100 से ज्यादा देशों का साथ, अब पेटेंट फ्री होगी कोरोना वैक्सीन !

photo courtesy amarujala

कोरोना से न सिर्फ हमारा देश लड़ रहा है, बल्कि दूसरे देश भी इस महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहे है। कोरोना को हराने के लिए सभी देश एक-दूसरे का साथ दे रहे है और हरसंभव मदद भी कर रहे है। इसमें भारत सबसे आगे है। भारत दुनिया को किफायती दामों पर कोरोना वैक्सीन मुहैया करा रहा है। साथ ही वैक्सीन को पेटेंट नियमों से बाहर लाने की पूरी कोशिश भी कर रहा है। अगर वैक्सीन पेटेंट नियमों से बाहर आ जाती है, तो इसका फायदा सीधा-सीधा छोटे और आर्थिक तौर पर कमजोर देश को होगा। वो देश भी कम कीमतों पहर टीका खरीद सकेंगे। इस कोशिश में 100 देश भारत का साथ दे रहे है।

इन 57 देशों में अमेरिका, यूरोप और चीन देश शामिल नहीं हैं। अमेरिक वैक्सीन को पेटेंट से बाहर आने के खिलाफ है। अमेरिकी की सत्तारुढ़ रिपब्लिकन पार्टी के चार सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से कोविड 19 की वैक्सीन को पेटेंट से मुक्त रखे जाने के प्रस्ताव को स्वीकार न करने की अपील की है। सांसदों का कहना है कि कोविड के टीक पटेंट फ्री होते ही कंपनियां टीके और प्रतिरक्षण बढ़ाने वाली दवाओं के अनुसंधान पर खर्च करना बंद कर देंगी। दरअसल, पेटेंट एक कानूनी अधिकार है।

पटेंट संस्था, व्यक्ति और टीम को किसी प्रोडक्ट, डिजाइन, खोज या किसी खास सर्विस पर एकाधिरकार प्रदान करता है। एक बार किसी नई चीजद पर कोई पेटेंट हासिल कर ले तो उसके बाद दूसरा व्यक्ति या संस्था बिना परमिशन के उस चीज का इस्तेमाल नहीं कर सकती है। अगर वो बिना मंजूरी के ऐसा करती है तो ये बौद्धिक संपदा की चोरी मानी जाती है। जिसके चलते कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इसमें नकल या चोरी करने वाले को जेल और जुर्माना हो सकता है। वहीं मंजूरी लेकर इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति और संस्था को बड़ी राशि चुकानी होती है।