जेएनयू टुकड़े-टुकड़े गैंग का गुर्गे शरजील इमाम के खिलाफ नये आरोप में दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने के लिए जीतोड़ कोशिश कर रहा था। शरजील को भड़काऊ भाषणों के कारण देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आरोपपत्र में दावा किया गया है कि उसके बयानों के अनुसार, इमाम पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के संपर्क में था।
आरोपपत्र में कहा गया है, "शरजील इमाम उस स्तर पर विरोध प्रदर्शनों ऑलइण्डिया स्तर पर को ले जाने के लिए बहुत बेताब था।" इसमें आगे कहा गया कि शरजील ने इमाम ने न केवल एक समुदाय के लोगों को जुटाया, बल्कि दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में 'चक्का जाम' कराने की भी कोशिश की।
इमाम के बयानों और उसके कॉल डिटेल रिकॉर्ड के विश्लेषण से यह पता चला कि उसने सीलमपुर और खुरेजी में प्रदर्शन स्थलों का दौरा किया था। इस बात की पुष्टि व्हाट्सएप चैट के माध्यम से भी हुई है। आरोप पत्र में कहा गया है कि शरजील ने दिल्ली की स्थानीय मस्जिदों के मौलानाओं की मदद से दंगे फैलाने की साजिश की थी।
आरोपपत्र में आगे आरोप लगाया गया है कि इमाम और उसके समूह ने विभिन्न मस्जिदों की पहचान की थी और सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आड़ में बड़ी संख्या में मुस्लिम लोगों को जुटाने के लिए कुछ लोगों को इन मस्जिदों में पर्चे बांटने का काम सौंपा था।
ताजा आरोपपत्र गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ देश विरोधी भाषण देने से संबंधित मामले में दाखिल किया गया।
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