भारत के पास एक ऐसा सुबूत लगा है जिसको एफएटीएफ (फाईनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) के सामने पेश करने के बाद पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करने से कोई नहीं रोक सकता। यहां तक कि अब चीन भी पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट होने से नहीं बचा सकता है। भारत के हाथ इन सुबूतों की जानकारी पाकिस्तान की इमरान सरकार को भी मिल गयी है। इसके बाद से ही इमरान खान और पाकिस्तानी फौज के मुखिया कमर जावेद बाजवा खासे परेशान हैं। जनरल बाजवा ने अपनी खीज मिटाने के लिए आईएसआई के निचले रैंक के कई अफसरों को हिरासत में लेने के निर्देश दिए हैं।
बहरहाल, भारत के हाथ जो सुबूत मिले हैं उनसे साबित होता है कि पाकिस्तान परस्त आतंकी गिरोह के सरगना कोई आम दहशतगर्द नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना की खुफिया एजेंसी आईएसआई के खास रैंक होल्डर्स हैं। इंडियन एजेंसियों को कुछ ऐसे ठोस सुबूत मिले हैं जिनसे भारत का यह दावा पुख्ता होता है कि पाकिस्तान सरकार आतंकी संगठनों को न केवल प्रश्रय दे रही बल्कि पाकिस्तानी फौज के अफसर इन आतंकी गिरोहों को चला रहे हैं। इन सुबूतों से यह भी साबित हो जाता है कि पाकिस्तानी सेना की खुफिया यूनिट कश्मीर में आतंकी गिरोहों की शक्ल में सक्रिए हैं।
इंडियन एजेंसियों ने एक ऐसा सुबूत हासिल किया है, जो पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के साथ आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन की गठजोड़ का खुलासा करता है। इस्लामाबाद स्थित आईएसआई के निदेशालय से जारी एक दस्तावेज भारतीय एजेसिंयों के हाथ लगा है। इस दस्तावेज से साफ होता है प्रतिबंधित आतंकवादी गिरोह हिजबुल मुजाहिदीन का सरगना सैयद मुहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन उनका (आईएसआई) के रैंक होल्डर है। इस दस्तावेज में आतंकी सरगना सैयद सलाहुद्दीन के लिए दिए गये सरकारी वाहन की डिटेल है। ये दस्तावेज आईएसआई मुख्यालय के कमांडिंग अफसर वजाहत अली खान के दस्तखत से जारी किया गया है। इस खत से साबित हो जाता है कि सैयद सलाहउद्दीन, इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के रैंक होल्डर की हैसिय से काम कर रहा है। इस खत में सलाहुद्दीन के वाहन का विवरण साझा करते हुए निर्देश है कि उन्हें सुरक्षा की मंजूरी दी गई है। इस खत का यह भी मतलब है कि सैयद सलाहउद्दीन को इस वाहन में कहीं भी पाकिस्तानी आर्मी की किसी भी यूनिट में बेरोक-टोक आने-जाने की इजाजत है। इस खत में सैयद मुहम्मद यूसुफ खान उर्फ सैयद सलाहउद्दीन को हिजबुल मुजाहिदीन का अमीर यानी मुखिया बताया गया है।
ध्यान रहे सलाहउद्दीन आतंकी गिरोह हिजबुल मुजाहिदीन का सरगना होने के साथ ही वो ज्लाइंट जिहाद काउंसिल (यूजेसी) का सरगना भी है। यूजेसी ही पाकिस्तानी आतंकियों के तमाम गिरोहों को संचालित करती है। यहीं से उन्हें आतंकी हमले करने के आदेश-निर्देश दिए जाते हैं। यूजेसी के लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे खूंखार आतंकी गिरोहों की सरगना है।
भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार गिरोह के 'आईएसआई के साथ संबंधों' के सुबूत साफ-साफ मिलने से भारतीय एजेंसियां बहुत उत्साहित हैं। भारतीय एजेंसियों का मानना है कि इस दस्तावेज से फाइनैंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में पाकिस्तान को 'ब्लैकलिस्ट' कराने में सफलता मिलेगी।
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