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महापरिनिर्वाण दिवस: पीएम मोदी ने कहा, बाबासाहेब के सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार

महापरिनिर्वाण दिवस: पीएम मोदी ने कहा, बाबासाहेब के सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार

<p id="content">पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'महापरिनिर्वाण दिवस' के मौके पर डा बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने कहा,  उनकी सरकार राष्ट्र के लिए उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम ने एक ट्वीट में कहा, महापरिनिर्वाण दिवस पर महान डा बाबासाहेब अंबेडकर को याद कर रहा हूं, जिनके विचार और आदर्श लाखों लोगों को शक्ति देते रहते हैं। हम उन सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो उन्होंने अपने राष्ट्र के लिए देखे थे।</p>
आपको बता दें कि भीमराव रणजी आंबेडकर जो डा बी आर अम्बेडकर या बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय हैं, वे एक अर्थशास्त्री, शिक्षाविद, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक और भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे। उनका जन्म मध्य प्रदेश में भीमाबाई मुरबादकर सकपाल और रामजी मालोजी सकपाल के यहां 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था।

बाबासाहेब जिंदगी भर भारतीय समाज में भेदभाव, पतन और अभाव के खिलाफ लड़ते रहे। वह आधुनिक बौद्ध आंदोलन को प्रेरित करने वाले और दलितों, महिलाओं और श्रम के सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाने वाले व्यक्ति थे। डॉ.अंबेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री बने और वे भारत के संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे।

साल 1954 में दवाओं के साइडइफेक्ट के कारण और आंखों की कम होती रोशनी के कारण वे जून से अक्टूबर तक बिस्तर पर रहे। 1955 में उनकी तबीयत और बिगड़ गई। 6 दिसंबर, 1956 को 'द बुद्ध एंड हिज धम्म' की पांडुलिपि को पूरा करने के तीन दिन बाद दिल्ली में अपने घर पर ही उनका नींद में ही निधन हो गया था।
<h3>डा अंबेडकर की पुण्यतिथि पर महाराष्ट्र के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि</h3>
<p id="content">महाराष्ट्र के सभी पार्टियों के नेताओं ने रविवार को भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार भारत रत्न डा बी आर अंबेडकर को उनकी 64 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर समेत कई प्रमुख लोगों ने दादर में चैत्यभूमि जाकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। साथ ही उनकी शिक्षाओं और आदशरें को याद किया।</p>
बता दें कि 6 दिसंबर, 1956 को डॉ.अंबेडकर का चैत्यभूमि में ही अंतिम संस्कार किया गया था। आमतौर पर हर साल इस दिन पूरे भारत से अंबेडकर के 3 लाख से ज्यादा अनुयायी चैत्यभूमि में इकट्ठा होते हैं, लेकिन कोविड -19 महामारी के कारण इस साल उनके अनुयायियों ने घर पर रहना ही ठीक समझा।

हालांकि बृहन्मुंबई नगर निगम ने भारत और विदेशों में उनके प्रशंसकों के लिए यहां हुए कार्यक्रमों को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय टेलीविजन चैनलों पर सीधा प्रसारण कराया। इस मौके पर श्रद्धांजलि देने वालों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात, अखिल भारतीय कांग्रेस एससी/एसटी विंग के प्रमुख और महाराष्ट्र के मंत्री डॉ.नितिन राउत, केंद्रीय समाज कल्याण राज्य मंत्री रामदास अठावले, और डॉ.भालचंद्र मुंगेकर शामिल हैं।

इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रतिपक्ष (विधानसभा) देवेंद्र फड़नवीस, विपक्ष के नेता (परिषद) प्रवीण दरेकर, भाई गिरकर, एमपी लोढ़ा, कालिदास कोलांबकर और अन्य नेता भी चैत्यधाम पहुंचे।.