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लद्दाख से सबक ले भारत ने अरुणाचल में फॉरवर्ड फ्रंट पर तैनात की सेना!

लद्दाख से सबक ले भारत ने अरुणाचल में फॉरवर्ड फ्रंट पर तैनात की सेना!

चीन पूर्वी लद्दाख में ही नहीं बल्कि अरुणाचल के सीमांत जिले अन्जाव के गांवों में भी घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। भारत ने गलवान के साथ ही अन्जाव में भी चीनी सेना को सबक सिखाने के लिए कमर कस ली है। पूूर्वी लद्दाख में चीन की हरकतों से सबक लेते  हुए भारत ने अरुणाचल बार्डर पर आर्मी को फॉरवर्ड फ्रंट पर तैनात करना शुरू कर दिया है। चीन की इन हरकतों की वजह से न केवल भारत की चिंताएं बढ़ी हैं बल्कि दुनिया के बाकी देशों की चिंता भी बढ़ गयी है। इसका कारण यह है कि भारत और चीन दोनों ही न्यूक्लियर पॉवर हैं और अगर दोनों के बीच का तनाव युद्ध में तब्दील होता है तो दुनिया के लिए बड़े संकट के आसार बन सकते हैं।

रूस,अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और जापान सहित तमाम देशों ने जून में भारत और चीन की सेना में हुई हिंसक झड़प पर चिंता व्यक्त की थी। अमेरिका बार-बार इस बात को दोहराता रहा है कि चीन विस्तारवादी नीतियों के चलते भारत के सात सीमा विवाद को बढ़ा रहा है। इस समय चीन का सीमा विवाद न केवल भारत के साथ चल रहा है बल्कि रूस के व्लादिवोस्तक शहर पर भी चीन ने अपना दावा ठोक रखा है। अमेरिका ने कहा है कि अगर इस मुद्दे पर चीन भारत पर हमलावर होता है तो अमेरिका भारत के साथ रहेगा। अमेरिका भारत को न केवल सैन्य सहायता देगा बल्कि भारत के लिए चीन खिलाफ युद्ध में शामिल होगा। हालांकि भारत ने अपने बूते ही चीन को सबक सिखाने के संकल्प को दोहराया है।

मौजूदा हालातों को देखते हुए भारतीय फौज अरुणाचल प्रदेश के सीमांत जिले अन्जाव में डेरा डाले हुए हैं। भारत सरकार और सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि फौज को फॉरवर्ड फ्रंट की ओर भेजना एक रणनीतिक तैयारी है लेकिन चीन के साथ युद्ध हाल फिल्हाल में दिखाई नहीं दे रहा है। ध्यान रहे 1962 का युद्ध अरुणाचल जमीन पर ही लड़ा गया था। चीन-भारत मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत और चीन के बीच युद्ध होता है तो अरुणाचल ही युद्ध का मैदान बन सकता है।.