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अब नहीं चलेगी चीन की हेकड़ी, निगरानी के लिए आ गए माउंटेन स्ट्राइक कोर के साथ 10 हजार और जवान

mountain strike corps

चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना अपनी उत्तरी सीमा पर 10 हजार औऱ सैनिकों की तानाती करेगी। इस सीमा पर तैनात माउंटेन स्ट्राइक कोर सेना के आक्रामक ऑपरेशन्स का प्रतिनिधित्व करती है। इस विंग को और मजहूत किया जाएगा। 10 हजार जवानों की नई डिविजन बनाने की जिम्मेदारी 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर को दी गई है जिसका हेडक्वाटर बंहाल के पनगढ़ में है।

माउंटेन स्ट्राइक कोर को मजबूत करने के फैसले के पीछे बड़ी वजह यह है कि भारत पाकिस्तान से लगती सीमा पर जो फोकस है उसे दोबारा से संतुलित करके चीनी सीमा पर भी ध्यान दिया जाना है। फिलहाल इस माउंटेन स्ट्राइक कोर में 10 हजार के करीब ही सैनिक हैं। सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी है कि करीब एक दशक पहले माउंटेन स्ट्राइक कोर को शुरू किया गया था। लेकिन तब से इसमें सिर्फ एक ही डिविजन है। अब ताजा कदम से इसमें ज्यादा हथियार और सैनिक जुड़ सकेंगे। पिछले कुछ वक्त में भारत ने चीनी सीमा पर चौकसी बढ़ाने का काम किया है। ऐसा पूर्वी लद्दाख में चीन के गलत इरादों को भांपने के बाद किया गया।

भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग, गोगरा और डेपसांग जैसे गतिरोध वाले शेष हिस्सों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये शुक्रवार को 11वें दौर की वार्ता की। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारतीय क्षेत्र में चुशुल सीमा क्षेत्र पर सुबह करीब 10:30 बजे कोर कमांडर स्तर की बैठक शुरू हुई।

भारत की ओर से सैन्य प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने की। खबरों की माने तो भारत ने बातचीत में चीन से टकराव की बाकी जगहों से भी सैनिकों को जल्द से जल्द हटाने को कहा है।