देश के गांव हर घर में बिजली पहुंचे इसके लिए मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र ने पावर डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। इसमें 3 लाख करोड़ के इस फंड में केंद्र सरकार 97631 करोड़ रुपए देगा। राज्य सरकारें पहले ही पावर रिफॉर्म के लिए चार सालों के एडिशनल बॉरोइंग को मंजूरी दे चुकी हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 28 जून को ही पावर डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम के लिए 3 लाख करोड़ की मंजूरी दी थी। कोरोना संकट के बीच डिस्कॉम की हालत में सुधार के लिए कुछ और अहम घोषणाएं की गई हैं। इसमें 25 करोड़ स्मार्ट डिजिटल मीटर, 10 हजार फीडर और 4 लाख किलोमीटर LT ओवरहेड लाइन्स को मंजूरी दी गई है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि अलावा वर्तमान में जारी IPDS, DDUGJY और SAUBHAGYA स्कीम को मर्ज कर दिया जाएगा। इस सुधार के लिए राज्य सरकारें अगले चार सालों तक एडिशनल बॉरोइंग कर सकती हैं। यह रकम ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GSDP का 0।50 फीसदी होगा। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए यह राशि 1.05 लाख करोड़ रुपए होगी।
अब इसे कैबिनेट की मंजूरी मिलने का मतलब ये है कि अब इस पर अमल लिया जा सकेगा। अगर ये योजना सही तरीके से अमल में लाई जाती है तो कंपनियों को तो फायदा मिलेगा ही साथ ही इससे आम लोगों को भी फायदा मिलेगा और हर घर में 24 घंटे बिजली मिल सकेगी।
सस्ते दर पर मिलेगी बिजली
सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद अब बिजली कंपनियों को सस्ते दर पर बिजली मिल सकेगी। वहीं जो कंपनियां स्मार्ट मीटर के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है उन्हें भी इसका फायदा मिल सकेगा। दरअसल मोदी सरकार का मिशन है कि देश के हर जिले, कस्बे और गांव गांव तक 24 घंटे बिजली की सुविधा मुहैया हो सके। अब माना जा रहा है कि इस फंड से इस योजना को बल मिलेगा। दरअसल देश के डिस्कॉम की वित्तीय हालत काफी खराब हो चुकी है ऐसे समय में सरकार की ओर से मिली यह मंजूरी डिस्कॉम की सेहत सुधारने का भी काम करेगी।