भारत में कोरोना के वैक्सीन लगाए जार रहे हैं। कई राज्यों में वैक्सीन की कमी देखी जा रही है। राज्य खुद वैक्सीन खरीदने के लिए ग्लोबल टेंडर निकाल रही हैं। ताकि अपने राज्य में जनता को कोरोना वैक्सीन दे सके। अब एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि अगस्त से दिसंबर के बीच भारत के पास करीब 200करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की खुराकें उपलब्ध होंगी, जिससे 18से 45साल वाले आयु वर्ग के लोगों के लिए भी वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज होगी।
केंद्र सरकार का कहना है कि इस साल के अंत तक 18से उपर के सभी लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग जाएगी। दरअसल, देश में कोरोना वायरस के खिलाफ 16जनवरी से टीकाकरण अभियान के रूप में जंग की शुरुआत हुई थी। 16जनवरी से चल रहे टीकाकरण अभियान के आज शनिवार को चार महीने यानी 120दिन पूर हो रहे हैं। इन 120दिनों में भारत में अब तक करीब 18करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई गई है। अगर औसत की बात करें तो एक दिन में भारत ने अब तक 15लाख वैक्सीन के डोज लगाए हैं। हालांकि, पिछले चार महीने में भले ही टीकाकरण की रप्तार कम रही हो और औसतन 15लाख डोज के हिसाब से एक दिन में वैक्सीन लगी हो, मगर, अब वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी देखी गई है। पिछले सप्ताह देश में एक दिन में औसतन 17लाख वैक्सीन के डोज लगाए गए हैं। सरकार का अनुमान है कि जुलाई के अंत तक वैक्सीन की सप्लाई में बढ़ोतरी होगी।
टीओआई की खबर के मुताबिक, भारत में अनुमानित वयस्क आबादी करीब 94करोड़ है और इस आबादी को टीका लगाने के लिए 188करोड़ डोज की जरूरत होगी। वयस्क आबादी को वैक्सीन लगाने के लिए साल के बाकी 231दिनों में 170करोड़ डोज की जरूरत होगी। यानी अगर सप्ताह के सातों दिन जोड़ लिए जाए तो हर दिन करीब 73.6लाख खुराकें लगानी होंगी। इस तहह से देखें अभी जो टीकाकरण की रफ्तार है उसके औसत के हिसाब से करीब पांच गुना ज्यादा खुराकें लगानी होंगी। सरकार का अनुमान है कि देश में जून में 10करोड़ और जुलाई में 15करोड़ वैक्सीन के डोज उपलब्ध होंगे। अगले 78दिनों या फिर जुलाई के अंत तक सरकार का अनुमान है कि भारत में 33करोड़ टीके लगा दिए जाएंगे। अगर ऐसा होता है तो एक अगस्त से 31दिसंबर तक कोरोना वैक्सीन की 137करोड़ डोज लगानी बच जाएंगी। इसका मतलब है कि अगर सप्ताह के सातों दिन वैक्सीनेशन अभियान चले तो हर दिन औसतन 90लाख खुराकें लगानी होंगी, तभी अनुमानित वयस्कों को वैक्सीन मिल पाएगी।
नीति आयोग के के वी के पॉल का कहना है कि, अगस्त से दिसम्बर तक टीके की 216 करोड़ खुराक बन जान के अनुमान है, जिसमें से कोविशील्ड की 75 करोड़ खुराक जबकि कोवैक्सीन की 55 करोड़ खुराक शामिल होगी। इसके अलावा, बायोलॉजिकल ई द्वारा 30 करोड़ खुराक, ज़ायडस कैडिला 5 करोड़, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा नोवावैक्स की 20 करोड़ खुराक और भारत बायोटेक द्वारा उसकी नेजल वैक्सीन की 10 करोड़ खुराकें जबकि जेनोवा 6 करोड़ खुराक और स्पुतनिक-V 15.6 करोड़ खुराक उपलब्ध कराएगी।