कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के प्रदर्शन स्थल की सच्चाई धीरे-धीरे सामने आ रही है, अब तो यह तय हो गया है कि यहां पर किसानों की आड़ में अपनी राजनीति चमकाई जा रही है। अब तो प्रदर्शन स्थल पर अपराध के मामले बढ़ने लगे हैं, मालूम पड़ता है कि ये किसान नहीं बल्कि अपराधी हैं। आंदोलनजीवियों के जमघट ने आम लोगों का जीना हराम कर दिया है और किसानों के नाम को बदनाम किया जा रहा है। आंगोलन में आई पश्चिम बंगाल की युवती के साथ टीकरी बॉर्डर पर सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया था, इसमें कोई और नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी का एक नेता अनिल मिलक शामिल था जो इस वक्त पुलिस की गिरफ्त में है। अभी यह मामला खत्म नहीं हुआ था अब एक व्यक्ति को शहीद बताकर जिंदा जला दिया गया और बाद में उसे लेकर जातीय टिप्पणी की गई।
प्रदर्शन के नाम पर हुई ये भयानक घटना बहादुरगढ़ बाईपास पर स्थित गांव कसार के पास बुधवार (जून 17, 2021) रात 3 बजे की है। मुकेश कसार का ही रहने वाला था और शाम को प्रदर्शन में शामिल होने आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकेश को पहले शराब पिलाई गई। फिर लड़ाई-झगड़ा होने पर उसे शहीद बता कर उस पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी गई। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स बता रहे हैं कि कसार ब्राह्मणों का गांव है और मुकेश पर कृष्ण व एक अन्य आरोपित ने आग यह कह कर लगाई कि ब्राह्मण किसान आंदोलन में नहीं आते।
इस घतना के बाद मुकेश को तुरंत पास के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए रेफर कर दिया गया। परिजन ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल लेकर गए लेकिन कुछ घंटों बाद वहां उनकी मौत हो गई।
टिकरी बॉर्डर के पास ब्राह्मणों के कसार गांव के मुकेश शर्मा नाम के एक सक्ष को कल देर रात कृष्ण और प्रदीप नाम के 2 आंदोलनकारीयों ने तेल छिड़कर यह कहकर आग लगा दी की ब्राह्मण किसान आंदोलन मे नही आते
हद हो गई अन्याय की 😢😭@DineshRaneja@AzadSenaChief@PankajDhavraiyy pic.twitter.com/rCznY9vfw0— M.K. Sharma (@vipramk) June 17, 2021
"मेरा भाई मुकेश बुधवार शाम लगभग 5बजे घर से घूमने के लिए निकला था। घूमते-घूमते वह किसान प्रदर्शनकारियों के पास पहुंच गया। मुझे फोन कॉल से पता चला कि भाई पर आंदोलनकारियों ने जान से मारने की नीयत से तेल छिड़क कर आग लगा दी। मैं तुरंत पूर्व सरपंच टोनी को लेकर मौके पर पहुंचा तो मेरा भाई मुकेश गंभीर रूप से झुलसा हुआ था। उसे हम तुरंत सिविल अस्पताल लेकर आए। यहां उपचार के दौरान मुकेश ने बताया कि आंदोलन में कृष्ण नामक एक व्यक्ति (सफेद कपड़े पहने हुए था) ने पहले शराब पिलाई और फिर उसे आग लगा दी। इससे वह बुरी तरह झुलस गया।"
मुकेश की मृत्यु के बाद पुलिस ने मदनलाल के बयान के आधार पर मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपित फिलहाल फरार है। पुलिस दावा कर रही है कि उसे जल्द पकड़ा जाएगा। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें आरोपित जातिगत टिप्पणी करता दिख रहा है। मुकेश के भाई का कहना है कि इसी व्यक्ति ने उनके भाई को शराब पिलाई और बाद में तेल छिड़क कर उनको आग के हवाले कर दिया। मृतक की उम्र 42 साल थी, वह 10 साल की एक बेटी के पिता थे।
बलात्कार और हत्या जैसी वारदातों के बाद टिकैत जैसे 'बे'- शर्म नेता अपनी गलती मानने के बजाय सरकार पर आरोप थोप रहे हैं। पश्चिम बंगाल से आई जिस युवति के साथ रेप हुआ था उसकी कोरोना से जब मौत हुई तो तब भी राकेश टिकैत का कहना था कि उसे कोरोना नहीं हुआ सरकार छूठा आरोप लगा रही है, यहां तक कि राकेश टिकैत को रेप के बारे में पता था और आरोपी अनिल मलिक को भी भगाने में हाथ था। वहीं, जब टीकरी बॉर्डर पर ग्रामीण को जिंदा जलाने के मामले में सवाल उठा तो संयुक्त किसान मोर्चा के बे-शर्म नेताओं ने किसान के पारिवारिक कारणों से आत्महत्या करने की बात कही तो भाजपा-जजपा पर इसको हत्या बताकर आंदोलन को बदनाम करने का आरोप लगाया।