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कोरोना वैक्सीन के अनुमोदन प्रक्रियाओं पर पारदर्शिता के लिए एआईडीएएन ने लिखा पत्र

कोरोना वैक्सीन के अनुमोदन प्रक्रियाओं पर पारदर्शिता के लिए एआईडीएएन ने लिखा पत्र

<p id="content">स्वास्थ्य सेवा से जुड़े संगठन अखिल भारतीय ड्रग एक्शन नेटवर्क (एआईडीएएन) ने स्वास्थ्य मंत्रालय, नीति आयोग और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को कोरोना वायरस वैक्सीन (Covid19 Vaccine) के आपातकालीन उपयोग के लिए देश की ओर से अपनाई जा रही विनियामक अनुमोदन प्रक्रियाओं पर पारदर्शिता और स्पष्टता के लिए पत्र लिखा है। इसमें जानने की कोशिश की गई है कि  कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के अनुमोदन आवेदन की जांच का आधार क्या है?</p>
यह पत्र अमेरिकी दवा निर्माता फाइजर, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की ओर से हाल ही में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को अपने वैक्सीन उम्मीदवारों के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) के लिए किए गए अनुरोध के बाद लिखा गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण के सवालों के जवाब देते हुए नीति आयोग के सदस्य डा. वी के पॉल और डीसीजीआई डा. वी जी सोमानी, एआईडीएएन ने इस बात पर जोर दिया कि यह सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है कि टीका उम्मीदवारों की सुरक्षा और प्रभावकारिता पर विचार किए बिना अधिकारियों को त्वरित अनुमोदन देने का कोई दबाव न हो।

एआईडीएएन ने मांग की है कि भारत में कोविड-19 वैक्सीन (Covid19 Vaccine) के उम्मीदवारों के लिए आरईयू (विनियामक अनुमोदन प्रक्रियाओं) की सटीक प्रक्रियाओं और मापदंडों को स्पष्ट करें। इसके साथ ही यह मांग की गई है कि क्या और किन शर्तो के तहत इस तरह की स्वीकृति प्राप्त की जा सकती है। इसने स्वास्थ्य मंत्रालय से अनुरोध किया है कि अनुमोदन के आधार को सार्वजनिक किया जाना चाहिए, जिसमें साक्ष्य की समीक्षा, अनुमोदन से जुड़े प्रतिबंध और शर्ते शामिल हों।

एआईडीएएन ने ऐसे प्रोटोकॉल, प्रक्रिया और समयसीमा के विवरणों की भी मांग की है, जो किसी भी गंभीर प्रतिकूल घटनाओं की जांच में शामिल हो सकते हैं। मांग करते हुए कहा गया है कि यह भी स्पष्ट किया जाए कि क्या सरकार के पास ऐसी कोई व्यवस्था है, जो गंभीर प्रतिकूल घटनाओं के पश्चात व्यक्तियों को क्षतिपूर्ति प्रदान कर सके।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने सरकार से कोविड-19 वैक्सीन परीक्षणों से संबंधित सभी प्रासंगिक दस्तावेजों और विवरणों को सार्वजनिक करने का अनुरोध किया है। सिविल सोसायटी का कहना है कि लोगों के हित में पारदर्शिता बरती जानी बेहद जरूरी है। इसने वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा मांगे गए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के अनुरोध पर अधिक जानकारी की मांग की है।

सिविल सोसायटी ने वह सभी जानकारी मांगी है, जो सीरम संस्थान के अपने टीके के लिए आपातकालीन अनुमोदन आवेदन की जांच का आधार बनेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया था कि आठ कोविड-19 वैक्सीन उम्मीदवार क्लिनिकल परीक्षणों के विभिन्न चरणों में हैं, जो निकट भविष्य में प्राधिकरण या अथॉरिटी के लिए तैयार हो सकते हैं।.