कोरोना वायरस महामारी से जंग में इस वक्त देशभर में वैक्सीनेशन का काम तेजी से चल रहा है। फिलहाल 18+ को वैक्सीन लगाने की अनुमति है। बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर सरकार लगातार कोशिशें कर रही है। इस कड़ी में अब जल्द ही भारत में फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन आने वाली हैं। इसे लेकर AIIMS के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि फाइजर का टीका बच्चों को भी लगाया जा सकता है। कई देशों में इसका ट्रायल चल रहा है। जल्द ही इसके नतीजे आने लगेंगे। ऐसे में भारत में मंजूरी मिलने के बाद इसका इस्तेमाल बच्चों पर भी किया जा सकता है।
सीएनएन-न्यूज 18 से खास बातचीत में डॉ गुलेरिया ने कहा कि फाइजर और मॉडर्ना को क्षतिपूर्ति सुरक्षा देने से बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन भारत आने में मदद मिलेगी। इससे बच्चों का बड़े पैमान पर टीकाकरण किया जा सकेगा। इसके साथ ही 18 प्लस के लोगों के टीकाकरण में भी काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए बच्चों का टीकाकरण जरूरी है।
उन्होंने कहा कि यह पहले भी किया जा चुका है, जब सरकरा ने उन सभी टीकों को आपातकालीन मंजूरी दी थी, जिसे यूएस, यूके और यूरोपिय संघ और WHO ने मंजूरी दे रखी है। ऐसे में मुझे लगता है कि जल्द ही हमारे पास बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए फाइजर वैक्सीन मौजूद होंगी।
बताते चलें कि, पिछले सप्ताह नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा था कि भारत को जल्द ही विदेशी वैक्सीन की खेप मिली शुरू हो जाएगी। उन्होंने उम्मीद जतायी थी कि जुलाई तक अमेरिकी कंपनी फाइजर की वैक्सीन भारत आने लगेगी. फाइजर ने दावा भी किया है कि भारत में पाए गये कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी उनकी वैक्सीन असरदार है। सरकार लगातार कंपनी के संपर्क में है।